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इसके बाद सपना चौधरी के खिलाफ गुड़गांव में सेक्टर-29 के थाने में एफआईआर दर्ज की गई। शिकायत सामाजिक संगठन निगाहें के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवाब सतपाल तंवर ने की थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए सपना और उनकी मंडली के खिलाफ एससी एसटी एक्ट सहित आईपीसी की धारा 34 के तहत केस दर्ज किया गया। साथ ही जांच के लिए एसआईटी टीम का भी गठन कर दिया गया।
ये सब होने के बाद हरियाणवी म्यूजिक कम्पनी मोर म्यूजिक ने डांसर और कलाकार सपना चौधरी से नाता तोड़ लिया। मोर म्यूजिक कम्पनी के संचालक राजेश मोर ने ऐलान कर दिया कि सपना चौधरी से उनकी कम्पनी का कोई ताल्लुक नहीं है। कम्पनी ने अब मोर म्यूजिक के गानों पर सपना चौधरी के डांस करने पर भी बैन लगा दिया है।
कंपनी ने ऐलान किया कि सपना चौधरी अगर उनके गानों पर पब्लिक के सामने परफोरमेंस देगी तो कम्पनी उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करेगी। इस बीच रागिनी विवाद में केस दर्ज होने के बाद फेसबुक पर सपना के खिलाफ अभियान छेड़ा गया, जिस पर लगातार उनके खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही थीं।
रोज आ रहे कमेंट्स से सपना चौधरी इतनी आहत हुई कि उन्होंने जहर खाकर जान देने की कोशिश की। हालांकि जान बच गई, लेकिन कई दिन तक सपना को आईसीयू में रहना पड़ा। इस दौरान भी लोगों का क्रेज कम नहीं हुआ। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पहली बार मीडिया के सामने आई। मीडिया से बात करते हुए सपना के दिल का दर्द बाहर निकला।
सपना ने कहा कि सोशल मीडिया में उनके बारे में हर रोज अश्लील मैसेज पोस्ट किए जा रहे थे। सपना ने बताया कि लाइव प्रोग्राम के दौरान भी कई बार सरेआम अश्लील हरकतें हो रहीं थी। उन कार्यक्रमों की कुछ वीडियो उनके सुसाइड अटेम्प्ट के बाद सोशल मीडिया और यूट्यूब पर वायरल हो रहे हैं। इसमें उनके बारे में आपत्तिजनक बातें भी कही जा रही हैं।
इसके बाद सपना चौधरी ने गुड़गांव की अदालत में जमानत याचिका दायर की, लेकिन वह खारिज हो गई। फिर सपना ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में जमानत के लिए अर्जी दी, लेकिन कई बार उन्हें राहत नहीं दी गई, तमाम कोशिशों के बाद उन्हें जमानत मिल ही गई। इसके बाद जून 2017 में रागिनी विवाद में हुई एफआईआर रद्द करने के लिए सपना चौधरी ने हाईकोर्ट में अपील की। मामला अभी विचाराधीन है।