‘योग तो हम भी करना चाहते हैं मगर क्या करें, सुबह सुबह आंख नहीं खुलती। यार ये शरीर को तोड़ना मोड़ना मेरे बस की बात नहीं।’ ऐसा कहते खासतौर पर आज के यंगस्टर्स आसानी से मिल जाते हैं।’ लेकिन युवा योग गुरू मंगेश त्रिवेदी जी हंसते हुए कहते हैं। ‘भाई घबराने की जरूरत बिल्कुल नहीं।मोटे हैं और करवा रहे हैं बाइपास सर्जरी तो सावधान!
आपको पता नहीं है, आपकी उंगलियां में सेहत का पिटारा हैं। युवाओं के लिये हम इसी पिटारे को आज खोलने जा रहे हैं।’ योग गुरू ने एक-एककर पिटारें से निकालीं ये सारी टिप्स।
भटकते हुए मन पर लगाम लगाती है, ये खास मुद्रा
दफ्तर का कामकाज हो या कोई और जरूरी काम, करते करते मन कभी न कभी तो भटक ही जाता है। इस भटके मन को काबू में लाने के लिए अपनायें वायु मुद्रा। अंगूठा और अंगूठे की बगल वाली उंगली की टिप्स को 10 मिनट के लिये जोड़िये। देखियेगा भागा हुआ मन वापस लौट आएगा।
चेहरे की चमक को बढ़ाती है, ये आसान मुद्रा
मुहांसे से छुटकारा पाने और चमकती त्वचा पाने के लिये जल मुद्रा बेहद कारगर है। इसके लिये बस हाथ की सबसे छोटी उंगली और अंगूठे के टिप को दस से 15- 20 मिनट जोड़िये। एक महीने के भीतर आपको फर्क दिखने लगेगा।
सुस्ती दूर कर चुस्त बनाती है, ये मुद्रा
थकान से परेशान हैं तो, हाथ की सबसे बड़ी उंगली और अंगूठे के टिप को जोड़िये और फिर देखिये कमाल। इस मुद्रा को कहते हैं पृथ्वी मुद्रा।
इस मुद्रा से गुस्सा छोड़ हो जाएंगे कूल
दिनभर काम काज। भागदौड़। छोटी छोटी बातों में भी अक्सर गुस्सा आ जाना आम बात है। लेकिन गुस्सा सफलता की सीढ़ी का सबसे बड़ा रोड़ा है तो फिर बढ़ायें धैर्य। करना यह है कि छोटी उंगली के बगल वाली उंगली और अंगूठे की टिप को जोड़ें हो जाएं कूल।