भले ही यह कहा जा रहा हो कि नगर निकाय चुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ की लहर चली है, लेकिन उनके ही अपने जिले में बीजेपी को जीतने में पसीने छूट गए.
Civic Election: इस बालीवुड एक्टर की भाभी को हार का सामना करना पड़ा!
ताजा परिणामों के अनुसार, गोरखपुर में केवल 27 सीटों पर बीजेपी जीत का परचम लहरा सकी. यहां बीजेपी को समाजवादी पार्टी ने कड़ी टक्कर दी. सपा को 18 सीटें मिली हैं.
वहीं, बसपा और कांग्रेस को 2-2 सीटों पर संतोष करना पड़ा. चुनाव में सबसे बड़ा उलटफेर किया है निर्दलीय प्रत्याशियों ने. यहां कुल 18 निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं.
सभी पार्टियों में 2012 के मुकाबले सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा समाजवादी पार्टी का. सपा को 2012 में जहां एक भी सीट नहीं मिली थी, वहीं इस बार 18 सीटों पर जीत हासिल की है.
बीजेपी का प्रदर्शन भी 2012 के मुकाबले ठीक रहा. पार्टी को 8 सीटों की बढ़त मिली. कांग्रेस और बसपा का भी प्रदर्शन निराशाजनक रहा.
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश का निकाय चुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए पहली अग्निपरीक्षा माना जा रहा है. यही वजह है कि सीएम योगी ने निकाय चुनाव में बीजेपी के प्रचार के लिए 16 जिले में 40 से ज्यादा रैलियां की हैं.
योगी ने 14 नवंबर को अयोध्या से अपने चुनाव अभियान की शुरूआत की थी और तीसरे और आखिरी चरण तक के प्रचार में बीजेपी के लिए वोट मांगे थे.
सीएम योगी ने अपनी पूरी ताकत झोंकते हुए छोटे-बड़े शहरों से लेकर ग्रामीण इलाकों में भी बीजेपी के लिए प्रचार किया. अयोध्या से शुरू होकर सीएम योगी ने कुशीनगर, देवरिया, बलिया, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, चन्दौली, महराजगंज, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, मेरठ, शाहजहांपुर, फर्रुखाबाद, कन्नौज, झांसी, फतेहपुर, मुरादाबाद, सहारनपुर, गोरखपुर जिले में बीजेपी के चुनावी प्रचार किया. योगी ने एक दिन में 4-4 रैलियों को भी संबोधित किया.
बीजेपी के लिए न सिर्फ सीएम योगी बल्कि प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पाण्डेय, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा समेत तमाम मंत्रियों ने ताबड़तोड़ चुनावी रैलियां की. वहीं अन्य पार्टियों की बात करें तो समाजवादी पार्टी की तरफ से सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम और कांग्रेस की तरफ से राजबब्बर ही प्रचार करते नजर आए. पूर्व सीएम और बीएसपी प्रमुख मायावती ने एक भी चुनावी रैली नहीं की.
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