अयोध्या। देश के सात पवित्र नगरों में अयोध्या का स्थान पहला है यानी यह पहली पुरी है। यहां पहली बार और पहले चरण में ही नगर निगम चुनाव हो रहे हैं। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां अपनी पहली सभा में ये बातें कह कर अयोध्या का मान बढ़ाया।अभी-अभी: प्रद्युम्न के पिता ने किया बड़ा खुलासा, बताया हरियाणा के मंत्री ने उन पर बनाया था दबाव
भारत माता की जय, वंदेमातरम और जय श्रीराम के उद्घोष से भाषण की शुरुआत हुई। जयघोष के बाद जनता में जोश भरने के लिए योगी चिर परिचित मुस्कुराहट के साथ कहते हैं- जयघोष अयोध्या के अनुरूप नहीं है। फिर क्या था, कुछ देर लिए जयघोष से आसमान गूंज जाता है।
इतने भर से ही भाजपा के सांस्कृतिक एजेंडे का प्रमुख केंद्र रही रामनगरी से चुनाव अभियान का शंखनाद फूंकते हुए योगी ने भाजपा के एजेंडे को धार दे दी।
इसके साथ ही निकाय चुनाव के प्रचार का एजेंडा और लाइन लेंथ भी तय कर दी। वह इसे विकास से जोड़ने में पीछे नहीं रहे। कहते हैं, केंद्र में मोदी और प्रदेश में भाजपा की सरकार है।
दोनों सरकारों से आने वाला विकास का पैसा जनता के हित में खर्च हो इसलिए नगर निगम व अन्य निकायों में भाजपा को जिताने की अपील करने आया हूं।
जिस समय योगी बोलने के लिए खड़े हुए, मंच के सामने खड़े युवक नारा लगा रहे थे योगीजी एक काम करो मंदिर का निमार्ण करो। योगी सीएम बनने के बाद मंगलवार की चुनावी सभा से पहले यहां तीन दौरे कर चुके हैं।
चुनावी सभा के मंच पर योगी आदित्यनाथ के पास ही दिगंबर अखाड़े से जुड़े महंत सुरेश दास और श्रीराम जन्म भूमि मामले के पक्षकार व हनुमानगढ़ी के महंत धर्मदास मौजूद थे। इन संतों की मौजूदगी से राम मंदिर के मुद्दे पर योगी को कुछ कहने की जरूरत नहीं थी। अयोध्या की महत्ता बताते हुए उन्होंने मानो सब कुछ कह दिया।
सीएम ने अयोध्या के गौरव को विकास से भी जोड़ा। कहा, अयोध्या व मथुरा को गौरव मिलना चाहिए। ये दोनों पहली बार नगर निगम बने हैं। देश और दुनिया में विशिष्ट स्थान रखने वाली अयोध्या में सड़क, पानी, बिजली व घाटों का सौंदर्यीकरण होना चाहिए।
प्रदेश की पूरी सरकार ने अयोध्या आकर दिवाली मनाई। 137 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास किया। चुनाव के बाद इससे ज्यादा धनराशि की योजनाएं शुरू की जाएंगी।
अयोध्या नगर निगम की चुनावी सभा में योगी के निशाने पर सपा व बसपा यूं ही नहीं रहे। उन्होंने कहा, मैं अयोध्या आता हूं तो सपा – बसपा को मानो करंट लग जाता है। इन्हें अयोध्या के नाम से चिढ़ है। पिछली सपा सरकार ने अयोध्या ही नहीं शहरी निकायों के विकास की अनदेखी की। उन्होंने स्मार्ट सिटी व अमृत योजना में केंद्र से मिले पैसे का सदुपयोग नहीं किया।
सीएम ने इन बातों से सपा व बसपा को अयोध्या व राम विरोधी साबित करने की कोशिश की। प्रदेश भर में निकाय चुनाव में भाजपा का मुकाबला इन्हीं दोनों दलों के प्रत्याशियों से है। अयोध्या से विरोधियों पर निशाना साधकर उन्होंने आक्रामक चुनाव प्रचार का संदेश भी दिया।
भाजपा के लिए इसलिए अहम है निकाय चुनाव
भाजपा का शहरी क्षेत्रों में पहले से ही जनाधार मजबूत रहा है। पार्टी इस बार मुख्यमंत्री का व्यापक दौरा कराकर इन चुनावों में पहले से ज्यादा कामयाबी हासिल करना चाहती है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी पहली चुनावी सभा में निकाय चुनाव का महत्व समझाया। कहा कि 653 नगरीय निकायों में प्रदेश की 30 फीसदी आबादी रहती है।
शेष 70 फीसदी लोग भी बुनियादी सेवाओं के लिए इन्हीं निकायों पर निर्भर रहते हैं। जाहिर है, इन निकायों में कामयाबी हासिल करके भाजपा विधानसभा चुनाव के सात माह बाद भी अपनी पकड़ मजबूत साबित करना चाहती है।