उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा अयोध्या में सरयू नदी के तट पर भगवान राम की 100 मीटर ऊंची विशालकाय मूर्ति स्थापित करने के फैसले का विश्व हिंदू परिषद ने दिल खोलकर स्वागत किया है.Breaking: होटल जा रही ऑस्टेलियाई टीम पर पथराव, मची हड़कम्प!
CM योगी ने घोषणा की है कि वह अयोध्या में सरयू नदी के तट पर भगवान राम की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाना चाहते हैं.
VHP ने कहा है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजना अगर जमीन पर उतारती है तो इससे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में अयोध्या का गौरव बढ़ेगा.
VHP के प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने मंगलवार को दिल्ली में कहा, “अयोध्या में अगर भगवान राम का भव्य मंदिर बनता है तो यह पूरे देश के लिए खुशी की बात होगी. इससे अयोध्या में और आसपास के इलाकों में पर्यटन बढ़ेगा.”
उल्लेखनीय है कि यूपी सरकार इस साल अयोध्या में उसी भव्य तरीके से दिवाली मनाने की तैयारी कर रही है, जिस तरह अयोध्या के लोगों ने भगवान राम के लंका को जीतकर वापस अयोध्या लौटने पर मनाई थी.
यूपी के CM योगी आदित्यनाथ के इस प्रस्ताव को लेकर विवाद होना तय है, क्योंकि सरयू के किनारे जहां भगवान राम की मूर्ति लगाए जाने की बात की जा रही है, वह विवादित स्थल से कुछ ही दूर है. योगी सरकार का यह प्रस्ताव इसलिए भी चर्चा में है, क्योंकि कुछ ही दिन पहले यूपी सरकार ने यूपी के पर्यटन स्थलों पर जो पुस्तिका छपवाई है, उसमें विश्व प्रसिद्ध ताजमहल का जिक्र नहीं है.
वहीं VHP के विजय शंकर तिवारी का कहना है, “ताजमहल की तुलना भगवान राम से करना बिल्कुल गलत है, क्योंकि भगवान राम करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक हैं और अयोध्या उनकी जन्म स्थली है.”
यूपी सरकार के इस प्रस्ताव को लेकर इसलिए भी सवाल उठाए जा रहे हैं क्योंकि कुछ ही महीने पहले गोरखपुर के अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से बहुत से बच्चों की मौत हो गई थी जिसको लेकर खासा विवाद हुआ था. अब यह सवाल भी उठाया जा रहा है कि क्या सरकार के लिए अस्पतालों के रखरखाव से ज्यादा जरूरी मूर्ति बनवाना है?
इस पर VHP का कहना है कि अस्पतालों में अगर कोई कमी रह गई है तो यूपी की सरकार को उसे भी दूर करना चाहिए, लेकिन अस्पतालों की बेहतरी का अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि सरकार के प्रशासनिक काम और सामाजिक काम अलग-अलग होते हैं.