अवैध शराब से होने वाली मौतों के मद्देनजर योगी सरकार अब ऐसा कानून बनाने जा रहा है जिससे अवैध और जहरीली शराब पीने से मौत पर दोषियों को मृत्युदंड तो मिलेगा ही, उन्हें भारी-भरकम जुर्माना भी चुकाना होगा। 15 मई से होने जा रहे विधानमंडल के सत्र में ही इस प्रस्ताव को हरी झंडी की उम्मीद है। राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही संशोधित आबकारी कानून लागू हो जाएगा।
यह भी पढ़े- अभी अभी: इस माँडल अभिनेत्री की हुई मौत, शोक में डूबा पूरा बॉलीवुड…107 वर्ष पहले बने उत्तर प्रदेश आबकारी अधिनियम, 1910 के तहत शराब की तस्करी से लेकर अवैध कच्ची देशी शराब बनाने वालों के लिए मौजूदा अधिनियम (एक्ट) में कड़ी सजा नहीं है। ढीले-ढाले कानून के चलते धड़ल्ले से अवैध शराब बनाई और बेची जा रही है। अपर मुख्य सचिव आबकारी दीपक त्रिवेदी के अनुसार आबकारी अधिनियम की ऐसी धाराओं में संशोधन किया जा रहा है जिनमें सजा और जुर्माने का प्रावधान है।
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अफसरों को भी सख्त सजा
अवैध शराब के कारोबारियों से मिलीभगत रखने वाले अफसरों के कर्तव्यपालन में हीला-हवाली पाए जाने पर उन्हें भी कठोर दंड देने का प्रस्ताव है। अब तलाशी आदि के मामले में जरा भी लापरवाही पाने पर संबंधित अफसरों का निलंबन और बर्खास्तगी तक हो सकेगी।
मिलावट पर एक वर्ष की जेल
अभी शराब में मिलावट पर छह माह का कारावास और दो हजार रुपये का अर्थदंड है। अब सरकार एक वर्ष की जेल और पांच हजार रुपये अर्थदंड लगाने का कानून बना रही है। मादक वस्तुओं को रखने की सजा को भी तीन माह से बढ़ाकर न्यूनतम छह माह और अर्थदंड को दो हजार से पांच हजार रुपये किया जा रहा है। मादक वस्तुओं के अवैध आयात और परिवहन पर पांच हजार रुपये के अर्थदंड को बढ़ाकर 10 हजार रुपये तक करने का भी प्रस्ताव है। इस तरह के अन्य मामलों में भी एक से तीन वर्ष की सजा के साथ ही 25 हजार तक जुर्माना प्रस्तावित है। कंपाउडिंग धनराशि को भी पांच हजार से बढ़ाकर 10 हजार किया जा रहा है।
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कड़ी सजा के लिए नई धारा
आबकारी एक्ट में नई धारा 60 (क) जोड़कर पहली बार ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि शराब की तस्करी एवं विषाक्त कांड के दोषियों को मृत्युदंड तक दिया जा सकेगा। 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने के साथ ही उन्हें आजीवन कारावास की कठोर सजा भी हो सकेगी।