मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उनकी सरकार का पहला बजट गरीब, किसान, नौजवान व महिलाओं को समर्पित है। यह नए युग की ओर ले जाने की शुरुआत है। इसमें प्रदेश के हर तबके को ध्यान दिया गया है और यह प्रधानमंत्री के ‘सबका साथ-सबका विकास’ के संकल्प पर केंद्रित है।JDU को लालू ने दिया करार जवाब, कहा- तेजस्वी नहीं देंगे इस्तीफा, नीतीश को सपने दिखा रही BJP
मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में युवाओं की नौकरियों का स्पष्ट रोडमैप मिलता है। औद्योगिक नीति व कौशल विकास से नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे। उनकी सरकार ने डेढ़ लाख पुलिस कर्मियों की भर्ती शुरू करने के लिए कदम बढ़ा दिया है।
योगी ने कहा कि यह बजट प्रदेश की 22 करोड़ जनता की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्य के सर्वांगीण विकास में सफल होगा। यह बजट जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने में सफल रहा है।
योगी मंगलवार को वित्त वर्ष 2017-18 का बजट पेश किए जाने के बाद विधानसभा में तिलक हॉल में पत्रकारों से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ढांचागत विकास को ध्यान में रखकर बजट तैयार किया गया है। इसमें राज्य की विकास दर को पांच वर्ष में दहाई अंक में ले जाकर विकसित राज्यों की श्रेणी में ले जाने का लक्ष्य है।
बजट में घटाई है फिजूलखर्ची
यह बजट प्रगतिशील व पारदर्शी सरकार की दृष्टि को स्पष्ट करता है। बताया कि बजट का दायरा बढ़ा है और फिजूलखर्ची घटाई गई है।
पूर्वांचल व बुंदेलखंड को एक्सप्रेस-वे से जोड़ेंगे
मुख्यमंत्री ने बताया कि बजट पिछली सरकार से 11 फीसदी बढ़ा है। इसमें 55 हजार 781 करोड़ की नई योजनाएं शामिल की गई हैं। बहुत ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें लेकर प्रदेश को आधुनिकता के रास्ते पर ले जाएंगे। प्रदेश में कुछ नए मेट्रो की व्यवस्था की गई है।
सबसे पिछड़े क्षेत्रों में शुमार बुंदेलखंड व पूर्वांचल को एक्सप्रेस-वे से जोड़ने का प्रावधान किया गया है। औद्योगिक नीति, पॉवर फॉर ऑल आदि पर विस्तार से चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि डिजिटल इंडिया को आगे बढ़ाकर प्रदेश के विकास को तेज गति दे सकते हैं।
संकल्प पत्र के हर संकल्प के प्रति प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार संकल्प पत्र के हर संकल्प के प्रति प्रतिबद्ध है। सभी वादे सरकार चरणबद्ध तरीके से पूरी करेगी। कहा कि यह वर्ष दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती वर्ष है। इस वर्ष सभी विश्वविद्यालयों में दीनदयालजी के नाम से शोध पीठ स्थापित की जाएगी। इसके लिए धन की व्यवस्था की गई है।
कृषि, आवास, सिंचाई, ग्रामीण आजीविका मिशन, स्मार्ट सिटी, वृद्धावस्था व किसान पेंशन, दिव्यांग को अनुदान सहित उन योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी, जिसमें पिछली सरकार से अधिक बजट का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा अल्पसंख्यक विकास, गड्ढामुक्त सड़कों के लिए राशि आवंटन की भी जानकारी दी।
तकनीक का अत्यधिक उपयोग कर योजनाओं में कायम लीकेज को रोका गया है। नतीजा यह हुआ कि राजकोषीय घाटा पहले से घटा है और 3 प्रतिशत की सीमा से कम 2.97 पर रहा है। पिछली सरकार में राजकोषीय घाटा 3.01 फीसदी था।
इसके अलावा कर्ज की लिमिट को भी सरकार ने पार नहीं किया है। पिछली सरकार ने जीएसडीपी का 30 प्रतिशत तक कर्ज लिया था। इसे 28.6 फीसदी पर सीमित रखने का संकल्प जताया गया है।
प्रदेश की विकास दर को बढ़ाने में ये उपाय कारगर साबित होंगे। अपर मुख्य सचिव वित्त अनूप चंद्र पांडेय ने विस्तार से बताया कि किस तरह सरकार कर्जमाफी व अन्य योजनाओं के लिए संसाधन जुटाने में सफल हुई।
उन्होंने अपर मुख्य सचिव वित्त व उनकी पूरी टीम को भी बधाई दी। इस मौके पर वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल, सूचना राज्यमंत्री नीलकंठ तिवारी, मुख्य सचिव राजीव कुमार प्रथम, अपर मुख्य सचिव वित्त अनूप चंद्र पांडेय, प्रमुख सचिव सूचना अवनीश अवस्थी सहित बड़ी संख्या में शासन के अधिकारी उपस्थित थे।