योगी सरकार ने किया गन्ने का ऐतिहासिक भुगतान : सुरेश राणा
243 नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना के लिए जारी किये लाइसेंस
पिछली सरकार के पांच वर्ष में किए गए भुगतान से 17,314 करोड़ अधिक भुगतान
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लखनऊ, 24 दिसंबर 2020 : राज्य में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सरकार में बकाये के कारण किसानों के लिए कड़वे हुए गन्ने की मिठास को योगी सरकार ने गन्ना मूल्य का ऐतिहासिक भुगतान कर लौटाया है। जिसके चलते योगी सरकार ने साढ़े तीन साल में एक लाख 12 हजार 829 करोड़ का गन्ना भुगतान किया है। जो पिछली सरकार के पांच वर्ष में किए गए भुगतान से 17,314 करोड़ अधिक भुगतान है।
यही नहीं राज्य में किसानों की आय दुगुना करने के संकल्प पर तेजी से किए जा रहे कार्यों तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गन्ना विभाग ने किसानों के हितों में लिए गए कई बड़े फैसलों के चलते तीन सालों से चीनी उत्पादन में यूपी देश में पहले नंबर पर है। इसके साथ ही आज 70 करोड़ लीटर एथनॉल उत्पादन करके भी यूपी देश मे पहले नम्बर पर आ गया है। यह यूपी के लिए एक उपलब्धि है। यही नहीं यह मुख्यमंत्री की
यही नहीं प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान एक भी चीनी मिल बंद नहीं हुई। सभी 119 चीनी मिलें चलीं और लॉक डाउन में भी 5954 करोड़ का भुगतान किया गया। इसके अलावा बंद पड़ी रमला सहित कई चीनी मिलों को फिर से चलाया गया और खंडसारी उद्योग को बढ़ावा देते हुए 243 नई खांडसारी इकाइयों को लाइसेंस जारी किये गए।
प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने गुरूवार को लोकभवन में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उक्त जानकारी दी। सुरेश राणा ने यह दावा किया कि मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ के दिशानिर्देशन में किसानों की आय दुगुना करने के संकल्प पर तेजी कार्य हो रहा है और राज्य के गन्ना विभाग ने किसानों के हितों में कई बड़े फैसले किए हैं। गन्ना मंत्री के अनुसार, यूपी के तीन करोड़ 35 लाख परिवारों से गन्ना विभाग जुड़ा है। प्रदेश में करीब 45.44 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसान हैं और लगभग 67 लाख किसान गन्ने की खेती से जुड़े हैं। आज देश में 47% चीनी का उत्पादन यूपी में हो रहा है और गन्ना सेक्टर का प्रदेश की जीडीपी में 8.45 प्रतिशत एवं कृषि क्षेत्र की जीडीपी में 20.18 प्रतिशत का योगदान है।
यह जानकारी देते हुए गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने बीते साढ़े तीन वर्षों में प्रदेश सरकार द्वारा गन्ना किसानों को किए गए भुगतान का लेखाजोखा दिया बताया। उन्होंने बताया कि योगी सरकार में साढ़े तीन साल में 1 लाख 12 हजार 829 करोड़ का गन्ना भुगतान हुआ है। जो पिछली सरकार के 5 वर्ष के भुगतान से ये 17,314 करोड़ अधिक भुगतान है। यह ऐतिहासिक भुगतान है, इससे किसानों को संकट का सामना नहीं करना पड़ा और इस भुगतान के चलते ही आज राज्य के गन्ना क्षेत्र में इजाफा हुआ है।
गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने चीनी उद्योग को मजबूती प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उठाये गए कदमों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछली सरकारों में 2007-2017 तक 21 चीनी मिलें बंद की गईं। जबकि योगी सरकार नें बीस बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर शुरू कराया। जिसके तहत पिपराइच-मुंडेरवा में नई चीनी मिलें लगाकर शुरू कराईं। उत्तर भारत मे सिर्फ मुंडेरवा में गन्ने के जूस से सीधे एथनॉल बनेगा। इसके अलावा यूपी में सल्फरलेस चीनी का भी उत्पादन होगा। बंद पड़ी रमाला चीनी मिल की क्षमता बढ़ाकर उसे चलवाया गया। संभल और सहारनपुर की बंद चीनी मिल भी अब चलने लगी है।
सुरेश राणा ने कहा कि बागपत चीनी मिल की क्षमता बढ़ाकर कोजन प्लांट लगाया गया है। इसके अलावा 11 निजी मिलों की क्षमता भी बढ़वाई गई। करीब 8 साल से बंद वीनस, दया और वेव शुगर मिलें चलवाई गईं। सठियांव और नजीबाबाद सहकारी मिलों में एथनॉल प्लांट लगा। 6 बंद आसवानी को भी मुख्यमंत्री के निर्देश पर सरकार ने चलवाया है। गन्ना मंत्री के अनुसार, देश में 70 चीनी मिलें नहीं चल सकी हैं लेकिन यूपी की सभी 119 मिलें चल रही हैं। गन्ना भुगतान के लिए प्रभावी व्यवस्था की गई।
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खांडसारी उद्योग किया मजबूत
गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने खांडसारी उद्योग को मजबूती प्रदान करने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर लिए गए फैसलों का ब्यौरा भी पत्रकारों को दिया। उन्होंने बताया मुख्यमंत्री के निर्देश पर नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना के लिए 25 सालों में पहली बार 243 नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना के लिए लाइसेंस जारी किये गए। जिनमें से 133 इकाइयां संचालित हो चुकी हैं। इन इकाइयों में 273 करोड़ का पूंजी निवेश होने के साथ करीब 16,500 लोगों को रोजगार मिलेगा। और 243 नई खांडसारी इकाइयों की स्थापना होने पर 50 हजार लोग रोजगार पायेंगे।