दुनियाभर में बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को कम करने के प्रयास को कम करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीते वर्षों की भांति इस वर्ष भी बड़े पैमाने पर अभियान को शीर्ष प्राथमिकता दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ के तहत मुख्यमंत्री की मंशा को ध्यान में रखते हुए शनिवार को प्रदेश में व्यापक स्तर पर ‘पेड़ बचाओ, पेड़ लगाओ जनअभियान-2024’ चलाया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के कुकरैल नदी तट पर पौधरोपण अभियान का आगाज किया गया। मुख्यमंत्री ने इसके अतिरिक्त प्रयागराज और गोरखपुर में भी पौधरोपण किया। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सीतापुर में पौध लगाया। वहीं प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों ने भी अलग अलग जिलों में पौधे रोपित किये। शाम छह बजे तक प्रदेश में 36, 51, 45, 477 पौधे रोपित किये गये, जो सरकार के लक्ष्य 36.50 करोड़ से 1,45,477 से भी अधिक है।
‘पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ महाभियान 2024’ को मिली अप्रत्याशित सफलता के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर सभी को बधाई दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा कि नए भारत’ के ‘नए उत्तर प्रदेश’ में आज एक दिन में 36.50 करोड़ से अधिक पौधरोपण का लोक-कल्याणकारी संकल्प पूर्ण हो गया है। प्रकृति और धरती माता के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता यह कीर्तिमान नरेंद्र मोदी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ से अपार जन जुड़ाव को प्रदर्शित करता है। वृक्षारोपण महाभियान में सहभागी सभी सम्मानित नागरिकों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और शासन-प्रशासन को हार्दिक बधाई एवं उनका अभिनंदन!
शनिवार को पौधरोपण कार्यक्रम में योगी सरकार के मंत्री अलग-अलग जनपदों में शामिल हुए। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल सीतापुर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ, प्रयागराज और गोरखपुर में पौधरोपण किया। कैबिनेट मंत्री एके शर्मा ने मऊ व आजमगढ़, धर्मपाल सिंह ने बरेली व बदायूं, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही अयोध्या, वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना लखनऊ, आशीष पटेल सुल्तानपुर, राकेश सचान हमीरपुर व फतेहपुर, योगेंद्र उपाध्याय इटावा व फर्रुखाबाद, कपिल देव अग्रवाल कानपुर नगर, नरेंद्र कश्यप गाजियाबाद और बुलंदशहर, रजनी तिवारी ने झांसी में पौधरोपण किया।
शनिवार को हुए ‘पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ जन अभियान 2024’ के अंतर्गत वन भूमि, रक्षा, रेलवे की भूमि, ग्राम पंचायत एवं सामुदायिक भूमि, एक्सप्रेस वे, सड़क, नहर, रेल पटरी के किनारे, विकास प्रधिकरण, औद्योगिक परिसर, चिकित्सा संस्थान, शिक्षण संस्थान की भूमि, अन्य राजकीय भूमि, कृषकों की निजी भूमि, नागरिकों द्वारा निजी परिसर में बड़े स्तर पर पौधरोपण किया गया है। सबसे अहम बात ये कि अभियान को पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने के लिए वन विभाग की तरफ से एण्ड्रायड आधारित प्लांटेशन मॉनिटरिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर पर रीयल टाइम अपडेट मिला। मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश था कि पिछली सरकारों की तरह पौधरोपण अभियान केवल कागजी खानापूर्ति तक सीमित ना रहे, बल्कि इसको लेकर पूरी पारदर्शिता और पौधों की प्रभावी मॉनीटरिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। यही कारण रहा कि इस साल भी पौधों की जियो टैगिंग की मुकम्मल व्यवस्था की गई है। साथ ही वन विभाग ने भी टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग किया है।
ग्राम्य विकास ने सर्वाधिक 13.54 करोड़ पौध लगवाए
36.51 करोड़ से अधिक पौधरोपण में शीशम के सर्वाधिक 4 करोड़ 33 लाख 38723 पौधे लगे। सागौन के 4 करोड़ 33 लाख,सात हजार 858 पौधे लगे। जामुन के 2 करोड़ 19 लाख 10,650 पौधरोपण हुए। अर्जुन के 1 करोड़ 67 लाख, 73913 और आंवला के 95 लाख, 32 हजार 275 पौधे लगाए गए।
सोनभद्र ने मारी बाजी, 1.53 करोड़ पौधे लगे
सर्वाधिक पौधरोपण सोनभद्र जनपद में हुआ। यहां 1 करोड़ 53 लाख पौधे लगे। झांसी में 97 लाख, लखीमपुर खीरी में 95 लाख, जालौन में 94 लाख और मीरजापुर में 93 लाख से अधिक पौधरोपण एक दिन के भीतर किया गया।
विभागों को मिले लक्ष्य के साथ ही ग्राम्य विकास विभाग शीर्ष पर रहा। विभाग की तरफ से 13 करोड़ 54 लाख पौधे लगाए गए। वन, वन्यजीव विभाग ने 12.64 करोड़ पौधे लगाकर उत्तर प्रदेश की हरियाली बढ़ाने में विशेष भूमिका निभाई। 2.89 करोड़ पौधे लगाकर कृषि विभाग तीसरे स्थान पर रहा। उद्यान विभाग 1 करोड़ 61 लाख और पंचायती राज विभाग की तरफ से 1करोड़ 18 लाख पौधा लगाया गया।