रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, सरकारों की संकीर्ण मानसिकता के चलते सीमांत क्षेत्रों तक विकास नहीं पहुंच पाया। पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार ने इस सोच को बदला और सीमांत क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास शुरू किया।
शुक्रवार को जोशीमठ में मलारी हाईवे पर ढाक में 35 परियोजनाओं को देश को समर्पित करने के दौरान हुए कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रक्षामंत्री ने कहा, हमारी सरकार सीमांत क्षेत्रों को मुख्य धारा का हिस्सा मानती है न कि बफर जोन। एक समय था जब सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाता था।
कहा, पहले की सरकारों की मानसिकता थी कि मैदानी क्षेत्रों के लोग मुख्य धारा के लोग हैं, उन्हें चिंता रहती थी कि सीमा पर घटनाक्रम का इस्तेमाल दुश्मन कर सकता है। इसी मानसिकता से सीमांत क्षेत्रों तक विकास कभी नहीं पहुंच पाया। हमने इस सोच को बदला है। कहा, देश की सीमाओं की रक्षा के लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा। हमें सबका सहयोग मिल भी रहा है।
कहा, भारत-चीन सीमा पर बीआरओ द्वारा 10 अन्य पुलों का निर्माण कार्य चल रहा है। जिनके बनने से सीमा पर आवाजाही और भी सुगम होगी। इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, सांसद तीरथ सिंह रावत, कर्णप्रयाग विधायक अनिल नौटियाल, थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, जिलाध्यक्ष रमेश मैखुरी, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, डीएम हिमांशु खुराना, एसपी रेखा यादव, बीआरओ के ले. जनरल रघु श्रीनिवासन (वीएसएम), एडीजीबीआर महेंद्र कुमार, ब्रिगेडियर पसन्ना जोशी, चीफ इंजीनियर शिवालिक परियोजना कर्नल अंकुर महाजन, कर्नल प्रदीप शर्मा आदि मौजूद रहे।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features