देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को इस बात को लेकर आश्वस्त हैं , कि चीन के साथ डोकलाम के मुद्दे पर हुआ गतिरोध दोबारा नहीं होगा. इस आश्वस्ति का कारण भारत द्वारा विभिन्न स्तरों पर चीन से संवाद की प्रक्रिया स्थापित करना है.
आपको बता दें कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, कि मैं निश्चित तौर पर कहती हूं कि मैं डोकलाम-2 के बारे में नहीं सोच रही. इसे लेकर विभिन्न स्तरों पर संवाद जारी है.उन्होंने कहा कि एक स्थायी प्रतिनिधि हैं, जिन्होंने करीब 20 अलग-अलग बैठकें की हैं. इसके अलावा सीमा पर तैनात जवानों की भी बैठक होती है, फ्लैग अफसरों की भी बैठक होती है.थलसेना प्रमुख ने भी कहा है कि हमने वार्ता बहाल की है. हम विभिन्न स्तरों पर लगातार संवाद कर रहे हैं. इसके बावजूद उन्होंने थल सेना को सतर्क रहने को कहा है.
गौरतलब है कि डोकलाम में भारत और चीन की थलसेना के बीच 73 दिनों तक गतिरोध बना रहा था. दोनों देशों के बीच जटिल वार्ता प्रक्रिया के बाद अगस्त में गतिरोध खत्म हुआ था. उन दिनों हालात ऐसे निर्मित हो गए थे, कि युद्ध के आसार बनने लगे थे. लेकिन भारत ने अपनी कूटनीति के कारण न केवल युद्ध को टाला, बल्कि डोकलाम में अपने हितों से भी समझौता नहीं किया .
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