केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी लागू किए जाने के बाद देश में देह व्यापार में कमी आई है। इस बयान को प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता श्री के.के. मिश्रा ने स्तरहीन, ओछी मानसिकता और दोयम दर्जे की सोच का बताया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘‘देश में नोटबंदी के बाद देह-व्यापार के आंकड़ों में कमी आई है।’’
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उनके लज्जित व शर्मसार करने वाले इस कथन पर पलटवार करते हुए श्री मिश्रा ने कहा कि यदि नोटबंदी के बाद देह-व्यापार के आंकड़ों में कमी आई है तो उन्हें यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि देश में देह-व्यापार कहां-कहां रजिस्टर्ड है, नोटबंदी के पहले इसके औसत आंकड़े क्या थे और अब क्या हैं ? यही नहीं प्रसाद पर राजनैतिक पलटवार करते हुए मिश्रा ने कहा कि नोटबंदी के बाद जिस तरह मप्र सहित पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में मंत्रियों की सार्वजनिक हुई अश्लील सीडी और ऑन-लाईन सेक्स रेकेट (देह-व्यापार) संचालित करने वाले भाजपा के पदाधिकारी नीरज शाक्या को लेकर उनका अभिमत क्या है? नोटबंदी के बाद देह-व्यापार को लेकर भाजपा में इजाफा क्यों हो रहा है?
मिश्रा ने प्रसाद को याद दिलाते हुए कहा कि 8 नवम्बर, 2016 को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नोटबंदी के तुगलकी फरमान को जारी करते हुए यह ऐलान किया था कि इससे आतंकवाद-नक्सलवाद, कालाधन, जाली करेंसी आदि पर लगाम लगेगी। किन्तु यह बात और है कि प्रधानमंत्री के इस ऐलान के बिल्कुल विपरीत स्थितियां आज देश में मौजूद हो गई हैं। प्रसाद ने देह-व्यापार में आई कमी का बखान कर प्रधानमंत्री के तुगलकी ऐलान में सामाजिक बुराई से जुड़ा एक और जुमला जोड़कर उसे उपहास का माध्यम बना दिया है।
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