मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि ‘जब मैंने सुना कि पिछले कुछ समय में कोच कुंबले और कप्तान कोहली के बीच मतभेद है तो मुझे लगा कि भारतीय क्रिकेट संकट में है तो मैंने आवेदन करने का मन बनाया।’
शास्त्री को खिलाड़ियों के बीच बेहतरीन तालमेल और प्रभावी कम्युनिकेशन के लिए जाना जाता है। कोच पद पर वह अपना पहला दौरा 19 जुलाई से शुरू हो रहे श्रीलंका के खिलाफ करेंगे।
शास्त्री ने बताया कि वह अपना काम वहीं से शुरू करेंगे जहां से छोड़कर गए थे। टीम की ऊर्जा और स्टॉफ को पहले जैसा बताते हुए कहा कि मेरे टीम के साथ दोस्ताना संबंध पहले से ही हैं। इससे पहले रवि शास्त्री 2014 में टीम इंडिया के डायरेक्टर बने थे।
टीम के साथ जुड़ने पर उन्होंने बताया कि मैं जब टीम का हिस्सा था तो उस दौरान टीम रैंकिंग में नंबर एक बनकर उभरी थी। मैं टीम को पहले की तरह ही बेहतर बनाना चाहता हूं। कोच नियुक्ति के दौरान मचे घमासान पर शास्त्री ने बताय कि मुझे नहीं पता उस दौरान क्या हुआ, मेरा फोकस वहीं से शुरुआत करना है जहां से मैं छोड़कर गया था।
टीम के साथ बेहतरीन तालमेल के सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘यह सिर्फ खिलाड़ियों और कोच के बीच आपसी तालमेल का नतीजा होता है। इन सबसे इतर परस्पर आदर सबसे महत्वपूर्ण होता है। कोच के रूप में चुनौतियों पर उन्हें बताया कि वह इनसे निपटने के लिए उत्सुक हूं। शास्त्री ने आगे कहा, मैं टीम इंडिया के साथ अपने सफल कार्यकाल की उम्मीद कर रहा हूं
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