अलवर। राजस्थान के अलवर जिले में गौ-रक्षकों ने कानून अपने हाथ में लेते हुए एक कथित गौ-तस्कर की पिटाई कर दी, जिसकी बहरोड के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई है। मौत के बाद उसके परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार रात को हरियाणा के नूंह निवासी पहलू खान और 15 अन्य लोग गौवंश के साथ जयपुर से हरियाणा की ओर जा रहे थे।
गौ-तस्कर की पिटाई के बाद 15 के खिलाफ मामला दर्ज
इसी दौरान अलवर के बहरोड़ के नजदीक पहुंचते ही वहां पहले से मौजूद गौ-रक्षकों ने इन लोगों के तीन वाहनों को घेर लिया। इसके बाद बड़ी संख्या में मौजूद इन गौ-रक्षकों ने कथित गौ-तस्करों के साथ मारपीट शुरू कर दी। मामले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ के चुंगल से इन लोगों को छुड़ाया और गंभीर रूप से घायल पांच लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां पहलू खान की गंभीर अवस्था को देखते हुए उसे आईसीयू में दाखिल कराया।
सोमवार रात को पहलू खान ने दम तोड़ दिया। इसके बाद मामला बढ़ता देख अलवर पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि जो गौवंश पकड़ा गया है, उसे ले जाने के लिए उपर्युक्त दस्तावेज इन लोगों के पास नहीं मिले हैं। पुलिस ने 15 कथित गौ-तस्करों के खिलाफ राजस्थान बोवाइन एनिमल एक्ट 1995 के तहत मामला दर्ज कर इन्हें गिरफ्तार कर लिया है।
वहीं मारपीट करने वाले 200 लोगों के खिलाफ भी पुलिस ने मामला दर्ज किया है। फिलहाल, मारपीट करने वाले किसी भी व्यक्ति की अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
इस घटना में मारे गए पहलू खान के परिजनों ने मंगलवार को पहले तो खान का शव लेने से इंकार कर दिया। उनके मुताबिक, पुलिस मारपीट करने वाले लोगों को गिरफ्तार करे। काफी समझाने के बाद पहलू खान का शव परिजनों को सौंप दिया गया।
वहीं राजस्थान के गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि गौ-रक्षकों को कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए। यदि गौ-तस्करी की सूचना या आशंका होती है तो गौ-रक्षक वाहनों को रोक सकते हैं, लेकिन उन्हें किसी के साथ मारपीट नहीं करनी चाहिए। कटारिया का कहना कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।