राजस्थान हाई कोर्ट ने चर्चित भंवरी देवी अपहरण एवं हत्या मामले में एक मुख्य आरोपी पूर्व कांग्रेस MLA मलखान सिंह बिश्नोई को जमानत दे दी है, जबकि अन्य आरोपियों की जमानत याचिका पर सुनाई 23 अगस्त तक स्थगित कर दी है। जस्टिस दिनेश मेहता की एकल पीठ ने मलखान सिंह बिश्नोई की जमानत की अर्जी मंगलवार को मंजूर कर कर ली। 
इसके साथ ही अपहरण और हत्या के इस बहुचर्चित मामले में 17 आरोपियों में से 9 को अब तक जमानत दी जा चुकी है। इस मामले में मुख्य आरोपी पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा स्वास्थ्य कारणों के चलते जमानत पर बाहर हैं। गौरतलब है कि इस मामले में एक आरोपी परसराम को पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि दस वर्ष होने आए हैं, मगर सुनवाई अब भी पूरी होती नहीं दिख रही। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए मलखान बिश्नोई के वकील ने हाई कोर्ट में तर्क दिया कि मामले में सुनवाई में इतना लंबा समय लगा है और आरेापी पहले ही 10 साल न्यायिक अभिरक्षा में गुजार चुका है।
इस मामले में मदेरणा की जमानत याचिका भी हाई कोर्ट के समक्ष लंबित है। कुछ अन्य आरोपियों की याचिकाओं के साथ इस पर 23 अगस्त को सुनवाई की जाएगी। बता दें कि नर्स भंवरीदेवी सितंबर 2011 में लापता हो गई थी। उसके पति अमरचंद ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार में जल संसाधन मंत्री मदेरणा के कहने पर भंवरी का किडनैप किया गया। बाद में अमरचंद भी इस मामले में संलिप्त पाया गया। मदेरणा एवं भंवरीदेवी की एक CD सार्वजनिक होने पर सीएम अशोक गहलोत ने मदेरणा को मंत्री पद से हटा दिया था। जिसके बाद CBI ने दो दिसंबर 2012 को मदेरणा को अरेस्ट किया था।
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