हॉलीवुड में बड़ा मुकाम हासिल करने के बाद, इस बात का हुआ अफ़सोस
गुजरे जमाने के दिग्गज अभिनेता राजेश खन्ना का आज जन्मदिन है। 1942 में वो आज ही के दिन पैदा हुए थे। राजेश खन्ना ने करीब चार दशकों तक फिल्मों में काम किया लेकिन अगर सिनेमा को दशकों में बांटा जाए तो 70 के दशक को पूरी तरह के राजेश खन्ना का दशक कहा जा सकता है। राजेश खन्ना को हिन्दी सिनेमा में जो मुकाम हासिल हुआ, वो बहुत कम लोगों को हासिल हुआ है। एक जमाने तक राजेश खन्ना फिल्म के हिट होने की गारंटी बनी रहे लेकिन इसके अलावा भी उनकी एक पहचान बनी और वो थी उनकी लड़कियों में दीवानगी और उनकी तुनकमिजाजी।
राजेश खन्ना ने 1966 में फिल्मों की दुनिया में कदम रख दिया था लेकिन उनको बेशुमार शोहरत मिली 70 के दशक में। ये वो दौर था जब एक लंबे वक्त तक फिल्मी दुनिया पर राज करने के बाद दिलीप कुमार, देव आनंद और राजकपूर की तिकड़ी अपने ढलान की ओर चल पड़ी थी और हिन्दी सिनेमा किसी नए सितारे को ढूंढ रहा था। 1969 में राजेश खन्ना की ‘अराधना’ जैसी हिट फिल्म आई। शर्मिला टैगोर के साथ उनकी जोड़ी खूब जमी। फिल्म का गाना ‘मेरे सपनों की रानी, कब आएगी तू’ तो उस वक्त युवाओं की जुबान पर ऐसा चढ़ा कि आज भी हिट है। ये दस्तक थी एक सुपरस्टार के जन्म की। जो आने वाले समय में सिनेमा पर एकछत्र राज करनेवाला था।
अराधना’ से जिस सुपरस्टार ने जन्म लिया वो 70 के दशक में हिन्दी सिनेमा का बादशाह बन बैठा। 70 के दशक को पूरी तरह से राजेश खन्ना का दशक कह सकते हैं। जब उनकी और सिर्फ उनकी तूती बोलती थी। 70 के दशक में उन्होंने एक-एक साल में कई-कई फिल्में की और ज्यादातर सुपरहिट रहीं। ये वो दौर था जब हर निर्देशक, हर हीरोइन राजेश खन्ना के साथ काम करना चाहती थी। इस दशक में उनके नाम पर अमर प्रेम, दाग, नमक हराम, रोटी जैसी कई सुपरहिट फिल्में आईं।
काका के नाम से मशहूर राजेश खन्ना ने 1972 में उस वक्त की एक नई नवेली हीरोइन डिंपल कपाडिया से शादी की, जो उम्र में उनसे बहुत छोटी थी लेकिन उन्हें तो बस डिंपल ही चाहिए थीं। उन दिनों अंजू महेन्द्रू के साथ उनके इश्क के किस्से थे।, लेकिन राजेश खन्ना ने डिंपल से शादी कर ली। शादी के वक्त वो अपनी बारात अपनी गर्लफ्रेंड के घर के सामने से ले गए, जो उनकी अंहकारी छवि को भी दिखाता था।
इस जमाने में राजेश खन्ना का जादू लड़कियों पर खूब चलता था। स्टूडियो के बाहर खड़ी उनकी गाड़ी का लड़कियां चुंबन लेती थीं। तो मैगजीन में छपी उनकी तस्वीरों को बिस्तर पर रखती थीं। कुछ लड़कियां तो उन्हें खून से खत तक लिखती थीं। बताते हैं कि उस वक्त की मैगजीन में जब राजेश खन्ना की तस्वीर छपती थी तो इसकी कॉपियां ढूंढे नहीं मिलती थीं।
राजेश खन्ना को जानने वाले कहते हैं कि जितने बड़े वो स्टार थे उतने ही उनके नखरे भी थे। शूटिंग के लिए सेट पर वो हमेशा देर से पहुंचते थे। उनका मूड भी किसी राजकुमार की तरह बहुलत जल्दी खराब होता था। बताते हैं कि पंजाबी गालियां तो उनकी जुबान पर हमेशा रखी रहती थीं। उनके नखरे का शिकार निर्देशक भी होते थे और साथी कलाकार भी।
राजेश खन्ना को सुपरस्टार की जिदंगी जीने की आदत थी, वो कभी किसी को खुद से बेहतर मान ही नहीं सकते थे। आखिरी वक्त में वो बहुत कमजोर हो गए तो उनका समय काफी परेशानियों में कटा लेकिन वो जब भी बंगले से बाहर निकले सुपरस्टार की तरह ही निकले। उनके लिए ये कुबूल करना मुश्किल था कि अब वो स्टार नहीं हैं। 2012 में राजेश खन्ना दुनिया को छोड़ गए।