सपा के सीनियर नेता एवं पूर्व सेंट्रल मिनिस्टर बेनी प्रसाद वर्मा के पश्चात् राज्यसभा सदस्य रहे, अमर सिंह के निधन से यूपी के कोटे की 31 में से दो राज्यसभा सीट रिक्त हैं. इलेक्शन कमीशन ने इनमें से बेनी प्रसाद वर्मा के खाते ही सीट पर 24 अगस्त को वोट रखा है. बेनी प्रसाद वर्मा और अमर सिंह का कार्यकाल चार जुलाई 2022 तक का है.
वही यूपी की इस एक सीट पर होने वाले वोट को लेकर लड़ाई भले ही सरल है, किन्तु उम्मीदवार का नाम निश्चित करने की मशक्कत बेहद मुश्किल है. सपा के नेता बेनी प्रसाद वर्मा के निधन के पश्चात् सीट रिक्त हुई, पर किसको राज्यसभा भेजा जाता है यह प्रश्न बहुत कठिन हो गया है. इस एकमात्र सीट पर होने वाले राज्यसभा के उप चुनाव में MLA की संख्या को देखते हुए, बीजेपी के उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित है. अब बीजेपी को निश्चित करना है कि बीजेपी इस सीट पर राज्य के किसी नेता को भेजती है, या फिर दूसरे प्रदेश के किसी नेता को यहां से राज्यसभा भेज कर सेंट्रल एडजस्टमेंट किया जाएगा.
राज्य बीजेपी के रणनीतिकार केस में फिलहाल कोई इशारा देने की स्थिति में नहीं हैं. इनका भी यही कहना है कि दिल्ली जिसे निश्चित करे. दिल्ली की पॉलिटिक्स में फिलहाल संबित पात्रा तथा शाहनवाज हुसैन का पोलिटिकल एडजस्टमेंट होना बाकी है. इनके साथ-साथ बीजेपी यूपी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी भी दावेदार हैं, जिनको तो एमपी का राज्यपाल बनने की खबरें सोशल मीडिया पर उडऩे के पश्चात् शुभकामनायें भी प्राप्त होने लगी थीं. उनका दावा तो राज्य में इस वक़्त गरमाई ब्राह्मण राजनीति के चलते भी बेहद स्ट्रांग हो रहा है. यह निश्चित हो रहा है कि किसी ब्राह्मण को भेजा जाएगा. इनमें पूर्व राज्य अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी के साथ वाराणसी और समीप के शहरों से कोई नाम हो सकता है. हालाँकि अभी कुछ तय नहीं हो पाया है.