आखिर क्यों..? इम्तियाज 10 साल बाद बदलना चाहते हैं ‘जब वी मेट’ का ये सीन
संगम पर बंगाली समाज के तीर्थ पुरोहितों सहित रानी के साथ आए तीर्थपुरोहित ने अस्थिविसर्जन का कर्मकांड कराया। रानी परिजनों के साथ चार्टर्ड प्लेन से तकरीबन साढे़ नौ बजे इलाहाबाद पहुंचीं। फिर कार से सभी सीधे बोट क्लब से मोटरबोट के माध्यम से वह संगम गईं जहां उन्होंने पिता की अस्थियां संगम को समर्पित कीं। अस्थि विसर्जन के फौरन बाद रानी मुंबई लौट गईं।
बोट क्लब घाट से लेकर संगम तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। यह सभी इतने गुपचुप तरीके से हुआ कि किसी को कोई खबर नहीं हुई। संगम पर अस्थि विसर्जन के बाद पूरा परिवार अन्य धार्मिक स्थलों पर अस्थि विसर्जन के लिए रवाना हो गया।
रानी मुखर्जी ने सफेद लांग कुर्ती पहन रखी थी, जिस पर नीचे की तरफ एक ओर बड़ा सा फूल बना हुआ था। वह माथे पर बिंदी लगाए हुए थीं और आंखों पर बड़े आकार का काला चश्मा पहन रखा था। अस्थि विसर्जन के दौरान उन्होंने चुनरी गाड़ी में ही छोड़ दी थी और सभी रस्में खुले बालों के साथ पूरी कीं। निर्देशक भाई राजा मुखर्जी ने धोती कुर्ता पहन रखा था।
इस दौरान रानी मुखर्जी और परिवार के लोगों ने किसी खासकर मीडियाकर्मियों से कोई बात नहीं की। यहां तक कि उन्होंने सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों के मोबाइल फोन में रिकार्ड पलों को भी अनुरोध करके डिलीट करा दिया।
पिता की अस्थियों के विसर्जन को ऐश्वर्या भी थीं आईं
रानी से पहले पांच अगस्त को अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन भी पति अभिषेक बच्चन के साथ पिता कृष्णराज शर्मा की अस्थियां विसर्जित करने के लिए ऐसे ही गुपचुप तरीके से इलाहाबाद आई थीं। तब उनके साथ वाराणसी से उनके तीर्थपुरोहित आए थे।