योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि कई नदियों में सीवेज और संयंत्रों का गंदा पानी मिल रहा है और यह सब कुछ पैसा बचाने के लिए किया जाता है, क्योंकि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने पर धन खर्च होता है।
योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि कई नदियों में सीवेज और संयंत्रों का गंदा पानी मिल रहा है और यह सब कुछ पैसा बचाने के लिए किया जाता है, क्योंकि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने पर धन खर्च होता है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नर्मदा नदी के संरक्षण और उसे प्रवाहमान बनाए रखने के लिए निकाली जा रही ‘नमामि देवी नर्मदे’ सेवा यात्रा में हिस्सा लेने पहुंचे योग गुरु बाबा रामदेव ने सोमवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने कई स्थानों पर देखा है कि गंगा, यमुना से लेकर नर्मदा नदी के किनारे बसे शहर और संयंत्रों का गंदा पानी मिलता है, क्योंकि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट नहीं लगाए जाते हैं। ये प्लांट इसलिए नहीं लगाए जाते, क्योंकि इसमें धन खर्च होता है।
योग गुरु ने आगे कहा कि उन्हें बताया गया है कि नर्मदा नदी में गंदा पानी मिलने से रोकने के लिए नदी के किनारे वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर 1500 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं, वहीं नदी के कटाव को रोकने के लिए नदी किनारे पौधरोपण भी किया जाना प्रस्तावित है, यह आंशिक तौर पर शुरु भी हो गया है। बाबा रामदेव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सराहना करते हुए कहा कि नर्मदा यात्रा के जरिए राज्य में आध्यात्मिक और धार्मिक दायित्व का निर्वहन हो रहा है। इस यात्रा ने नर्मदा को गौरव दिया है। इस तरह के काम में कुछ लोग उंगली उठाते हैं, मगर शिवराज की यह सोच उन्हें सात्विक लगी, इसलिए खुद चलकर आए हैं।
योग गुरु सोमवार दोपहर दो बजे अलीराजपुर जिले के टप्पा छकतला में ‘नमामि देवि नर्मदे’ सेवा यात्रा में शामिल होंगे। इसके बाद वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ जन-संवाद कार्यक्रम को भी संबोधित करेंगे। इसके बाद शाम साढ़े चार बजे वह ग्राम ककराना में नर्मदा की आरती में शामिल होंगे। ज्ञात हो कि नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक से 11 दिसंबर को यात्रा शुरु हुई यह यात्रा 144 दिन की है और इसका समापन 11 मई को अमरकंटक में ही होगा। यह यात्रा मध्य प्रदेश के उस हिस्से से गुजर रही है, जहां से नर्मदा नदी निकली है।