उत्तरप्रदेश में लड़कियां लड़कों से ज्यादा पढ़ रही हैं, और आगे भी बढ़ रही हैं। यह जानकारी आज उत्तर प्रदेश के राज्यपाल रामनाइक ने मुंबई में बोलते हुए दी। हिंदी विद्या प्रचार समिति द्वारा संचालित विद्यालय में मुंबई के हिंदीभाषी साहित्यकारों-पत्रकारों के बीच बोलते हुए राम नाइक ने कहा कि उत्तरप्रदेश के बारे में सामान्य धारणा है कि वह शिक्षा के क्षेत्र में काफी पिछड़ा हुआ है। वहां के लोगों को किसी नौकरी के साक्षात्कार में बुलाया भी जाता है, तो डिग्री उत्तरप्रदेश की देखकर उनका आवेदन ही किनारे रख दिया जाता था। लेकिन अब इसमें सुधार हुआ है। सुधार की इस प्रक्रिया में लड़कियां, लड़कों से आगे निकलती दिखाई दे रही हैं।
इस बार वहां के 28 विश्वविद्यालयों में 15,60,375 कुल डिग्रियां दी गई है। इनमें महिलाओं की संख्या 7,97,000 से ज्यादा, अर्थात करीब 51 फीसद है। मेडल पानेवालों की कुल संख्या 1,653 थी। इसमें लड़कियों की संख्या 1,085 रही। यानी मेडल पाने वालों में लड़कियों की संख्या 66 फीसद रही। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तरप्रदेश में लड़कियां शिक्षा में किस प्रकार लड़कों से बाजी मार रही हैं। राम नाईक के अनुसार इससे पता चलता है कि महिला सशक्तीकरण कहां तक पहुंच रहा है।
बता दें कि आज के कार्यक्रम का आयोजन भी सामाजिक संस्था अभियान के संस्थापक एवं मुंबई भाजपा के महासचिव अमरजीत मिश्र द्वारा किया गया था, जो 29 साल से मुंबई में उत्तरप्रदेश दिवस मनाते आ रहे हैं। राज्यपाल ने डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर का नाम दुरुस्त करवाने की घटना का भी जिक्र अपने भाषण में किया।
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