सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि राम मंदिर की तरह ज्ञानवापी की सुनवाई हो। कहा कि एएसआई ने सर्वे रिपोर्ट 25 दिसंबर को अदालत में दाखिल की थी। लेकिन अभी तक अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी से आपत्ति नहीं मांगी गई।
राम मंदिर मामले की तरह ही ज्ञानवापी से संबंधित सभी मुकदमों की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट की तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ को करनी चाहिए। इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस पर जल्द सुनवाई संभव है। यह जानकारी शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने वाराणसी स्थित दीवानी कचहरी परिसर में दी।
विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एएसआई ने सर्वे रिपोर्ट 25 दिसंबर 2023 को अदालत में दाखिल की थी। नौ महीने से ज्यादा का समय बीत गया, लेकिन उस रिपोर्ट पर अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी से आपत्ति नहीं मांगी गई।
कहा कि हमारी ओर से लगातार अनुरोध किया जा रहा है कि एएसआई की रिपोर्ट पर मसाजिद कमेटी की आपत्ति मांग ली जाए, ताकि मामले की सुनवाई आगे बढ़ सके। इससे यह तय हो जाएगा कि एएसआई की रिपोर्ट कोर्ट के रिकॉर्ड का हिस्सा बनेगी या नहीं। इसके साथ ही वाद बिंदु भी तय होगा।
अधिवक्ता ने कहा कि राम मंदिर के बाद मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि के केस का वास्तविक ट्रायल भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहा है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की और ज्ञानवापी के मामलों की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट के तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ से कराने का अनुरोध किया है।