रामनवमी के मद्देनजर राममंदिर के कपाट 15 से 17 अप्रैल तक सुबह पांच बजे ही खोल दिए जाएंगे। रामलला के राग-भोग व आरती के समय में भी बदलाव किया जाएगा। राममंदिर के पुजारी संतोष तिवारी ने बताया कि ट्रस्ट व प्रशासन से मंत्रणा के बाद यह निर्णय लिया गया है।
रामनवमी के दिन रामलला सोने, चांदी व अन्य रत्नों से जड़ित पीले वस्त्र में दर्शन देंगे। यह खास वस्त्र दिल्ली के मशहूर डिजाइनर मनीष त्रिपाठी तैयार कर रहे हैं। रामलला और उनकी उत्सव मूर्ति को सोने का मुकुट धारण कराया जाएगा। पांच क्विंटल प्रसाद का भोग लगेगा। इसमें पांच प्रकार की पंजीरी शामिल होगी।
रामनवमी पर सूर्य तिलक, ट्रायल सफल
रामलला के सूर्य तिलक को लेकर पिछले आठ अप्रैल को किए गए सफल ट्रायल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 17 अप्रैल को रामजन्मोत्सव के दिन ठीक 12 बजे सूर्य की किरणें रामलला का सूर्य तिलक करेंगी।
मंदिर के गर्भगृह तक लाई जाएंगी सूर्य की किरणें
प्रोजेक्ट सूर्य तिलक में एक गियर बॉक्स, रिफ्लेक्टिव मिरर और लेंस की व्यवस्था इस तरह की गई है कि मंदिर के शिखर के पास तीसरी मंजिल से सूर्य की किरणों को गर्भगृह तक लाया जाएगा। इसमें सूर्य के पथ बदलने के सिद्धांतों का उपयोग किया जाएगा। सीबीआरआई के वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप चौहान ने बताया कि, शत प्रतिशत सूर्य तिलक रामलला की मूर्ति के माथे पर अभिषेक करेगा।
सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीबीआरआई) रुड़की के वैज्ञानिकों की एक टीम ने सूर्य तिलक मैकेनिज्म को तैयार किया है। इसके डिजाइन को तैयार करने में टीम को पूरे दो साल लग गए थे। 2021 में राम मंदिर के डिजाइन पर काम शुरू हुआ था। सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की एक टीम ने सूर्य तिलक मैकेनिज्म को इस तरह से डिजाइन किया है कि हर साल राम नवमी के दिन दोपहर 12 बजे करीब चार मिनट तक सूर्य की किरणें भगवान राम की प्रतिमा के माथे पर पड़ेंगी। इस निर्माण कार्य में सीबीआरआई के साथ सूर्य के पथ को लेकर तकनीकी मदद बेंगलूरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए) की भी ली गई है। बेंगलूरु की एक कंपनी ऑप्टिका ने लेंस और ब्रास ट्यूब का निर्माण किया है।
TOS News Latest Hindi Breaking News and Features