साध्वी रेप केस में सजा काट रहा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम अब एक ऐसी बात कह रहा है, जो हैरान करने वाली है। जेल में रहते हुए ही बाबा ने बड़ा कदम उठाया।
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दरअसल, राम रहीम ने सीबीआई अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिका दाखिल करते हुए डेरामुखी ने सजा रद्द करने की मांग की है। डेरामुखी की अपील रजिस्ट्री से क्लीयर हो गई है और अब इस पर सोमवार को हाईकोर्ट की खंडपीठ सुनवाई करेगी।
डेरामुखी गुरमीत सिंह राम-रहीम ने सीनियर एडवोकेट एसके गर्ग नरवाना के जरिये हाईकोर्ट में अपील दायर कर कहा है कि इस मामले में सीबीआई अदालत ने बिना उचित साक्ष्यों और गवाहों के उसको दोषी ठहरा सजा सुना दी है जो कानूनी प्रक्रिया के अनुसार गलत है।
डेरामुखी ने कहा कि पहले इस मामले में एफआईआर ही 2-3 वर्षों की देरी से दायर हुई और वो भी एक गुमनाम शिकायत पर, जिसमें शिकायतकर्ता का नाम तक नहीं था। पीड़िता के बयान ही छह वर्षों के बाद रिकॉर्ड किए गए। सीबीआई का कहना था कि वर्ष 1999 में यौन शोषण हुआ था, लेकिन बयान वर्ष 2005 में दर्ज किए गए।
जब सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की, तब कोई शिकायतकर्ता ही नहीं था। डेरा मुखी की अपील में सवाल उठाया गया है कि सीबीआई का यह कहना की पीड़िताओं पर कोई दबाव नहीं था गलत है, क्योंकि दोनों पीड़िता सीबीआई के संरक्षण में थीं। ऐसे में प्रॉसिक्यूशन का उन पर दबाव था। 30 जुलाई 2007 तक बिना किसी शिकायत के जांच की जाती रही और पूरी की गई।