लखनऊ. सु्प्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेशों के बावजूद जनपद रायबरेली की महाराजगंज तहसील स्थित एक पुराने तालाब पर जबरन कब्जा कर घर बनाने का मामला प्रकाश में आया है। सरहंग लोगों द्वारा तालाब पाटकर घर बनाने की शिकायत गांव वालों ने जिला प्रशासन से की है। इसके बाद ही न तो कब्जा ही तालाब से हटा और न ही कोई कार्रवाई ही दबंगों के खिलाफ हो पायी है।
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मामला रायबरेली जिले के महाराजगंज तहसील के ग्राम-तरौंजा मजरे कुम्भी का है। जहां एक सेवानिवृत्त फौजी व उसके परिवार के लोगों द्वारा सड़क किनारे स्थित प्राचीन सार्वजनिक तालाब को पाटकर घर बनाया जा रहा है। इस तालाब में पूरे गांव का बरसाती पानी भरता है, जो खेतों की सिंचाई के काम आता है, और पशु-पक्षी भी इस पानी को पीते हैं। गाटा संख्या 918 पर स्थित इस तालाब के अस्तित्व को समाप्त करने की कोशिश से गांववालों में आक्रोश है।
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ग्रामीणों का कहना है, कि सुप्रीम कोर्ट ने तालाब व नालों पर कोई निर्माण एवं अतिक्रमण को संक्षेप अपराध माना है। लेकिन इस आदेश का गांव के इन सरहंग लोगों पर कोई असर नहीं दिख रहा है। अपनी पहुंच एवं धनबल के सहारे तालाब को पाटकर घर बनाने का काम जारी है। गांववालों ने पवन पांडेय, राजीव कुमार व नीरज पर सरहंगी के साथ तालाब पर कब्जा करने का आरोप लगाते हुए प्रशासन से इनके विरुद्द कार्रवाई की मांग की है।