राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपने पहले पुर्तगाल दौरे पर हैं, जहां उनका ऐतिहासिक शहर लिस्बन में भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान लिस्बन के मेयर द्वारा उन्हें “की ऑफ ऑनर” (Key of Honour) से सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह लिस्बन के ऐतिहासिक सिटी हॉल ‘कैमरा म्यूनिसिपल दे लिस्बोआ’ में आयोजित हुआ।
इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मु ने पुर्तगाल के चर्च का दौरा किया। इसके बाद उन्होंने मशहूर कवि लुइस वाज डी कैमोज की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।
इस विशेष अवसर पर लिस्बन शहर के कई गणमान्य नागरिक, राजनयिक समुदाय के सदस्य और भारतीय व भारत-पुर्तगाल समुदाय के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। समारोह ने भारत और पुर्तगाल के बीच पुराने और घनिष्ठ संबंधों को और मजबूत किया।
राष्ट्रपति मुर्मु ने पुर्तगालवासियों का जताया आभार
राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा, “मैं पुर्तगाल की अपनी पहली राजकीय यात्रा के तहत लिस्बन शहर आकर बेहद खुश हूं। मैं यहां की जनता और शहर के मेयर का इतने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद देती हूं।”
उन्होंने आगे कहा कि भारत और पुर्तगाल के बीच सांस्कृतिक संबंध सदियों पुराने हैं और इनका प्रभाव हमारे दैनिक जीवन में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। यह साझा विरासत दोनों देशों को एक-दूसरे के और करीब लाती है।
यूरोपीय संघ और लुसोफोन देशों में भारत का मजबूत साथी है पुर्तगाल
राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में पुर्तगाल को भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए कहा, “पुर्तगाल, भारत के लिए यूरोपीय संघ और लुसोफोन (पुर्तगाली भाषी) देशों के साथ संबंधों को बढ़ाने में एक अहम भागीदार रहा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत ‘विकसित भारत’ यानी ‘विकसित भारत 2047’ के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें एक समावेशी, समृद्ध और मानव-केंद्रित समाज की परिकल्पना की गई है।