चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग यह चाहते हैं कि चीनी सेना युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहे. राष्ट्रपति जिनपिंग ने सेना को एक विशिष्ट सैन्य बल गठित करके वास्तविक एवं डिजिटल युद्ध स्थितियों में प्रशिक्षण कराने का आदेश दिया है. युद्ध के लिए एक खास तरह का बल गठित करने से यह सवाल खड़े हो गए हैं कि आखिर चीन क्या चाहता है, उसकी मंशा क्या है?
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के महासचिव और सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) के अध्यक्ष शी ने सेंट्रल थियेटर कमांड में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक विभाग के निरीक्षण के दौरान यह बात कही. चीन के सबसे शक्तिशाली नेता समझे जाने वाले शी ने पीएलए को एक एलीट कॉम्बैक्ट फोर्स गठित करने के बारे में निर्देश दिए.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार एक समारोह के दौरान शी ने सैन्य प्रशिक्षण से संबंधित निर्देश जारी किये, जहां पूरे चीन से 4,000 सैनिक एकत्र हुए थे.
चीन ने हाल में नई हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल DF-17 बनाई है. ये मिसाइल अमेरिकी और भारत रक्षा प्रणालियों को तबाह करने की सक्षम है. ये दावा किया गया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने नवंबर 2017 में हाइपरसोनिक ग्लाइडेड व्हीकल (HGV) मिसाइल के दो टेस्ट किए. इस मिसाइल को DF-17 के नाम से भी जाना जाता है. यह 7,680 मील प्रति घंटे की गति तय करने में सक्षम है.
चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने नए साल के मौके पर दिए अपने संदेश में कहा है कि अब चीन सभी बड़े अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में अपनी बात प्रमुखता से रखेगा. इसके साथ ही शी ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट ‘वन बेल्ट वन रोड’ को और सक्रियता से आगे बढ़ाने का आह्वान किया. शी ने कहा कि चीन संयुक्त राष्ट्र की प्रभुता और कद को दृढ़तापूर्वक बनाए रखेगा और अपने अंतरराष्ट्रीय दायित्वों को बढ़-चढ़कर पूरा करेगा.