2019 लोकसभा चुनाव में करीब डेढ़ साल का समय बाकी है. बावजूद इसके उत्तर प्रदेश में सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. आगामी लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी से मुकाबला करने के लिए महागठबंधन बनाकर उतरने की तैयारी कर रही विपक्षी एकता को सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने बड़ा झटका दिया है. पिछले साल यूपी के विधानसभा चुनाव में अखिलेश-राहुल की बनी जोड़ी अब जुदाई की राह पर खड़ी दिख रही है. अखिलेश यादव को महागठबंधन समय की बर्बादी नजर आ रहा है, वहीं कांग्रेस इस बात को हलके में ले रही है.
गठबंधन समय की बर्बादी: अखिलेश
बता दें कि अखिलेश यादव ने एक साक्षात्कार में कहा कि 2019 के लिए अभी तक मैं किसी पार्टी के साथ गठबंधन की नहीं सोच रहा हूं. गठबंधन और सीट शेयरिंग पर बात कर मैं अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहता. अखिलेश ने ये भी कहा कि मैं किसी भ्रम में नहीं रहना चाहता हूं. अभी मैं सिर्फ अपनी पार्टी को मजबूत करने में लगा हूं. अखिलेश के इस बात से कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में कहीं ना कहीं मतभेद उभरते हुए दिखाई दे रहे हैं.
सपा से टूटती दोस्ती पर कांग्रेस बेफिक्र
अखिलेश यादव के गठबंधन से इनकार की बात को कांग्रेस हल्के में लेकर चल रही है. उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने कहा कि हम जमीन पर अपने संगठन को मजबूत करने में लगे हैं. अभी हमारा पूरा फोकस पार्टी को मजबूत करने पर है, जहां तक महागठबंधन की बात है तो उस पर कांग्रेस की केंद्रीय लीडरशिप फैसला करेगी.
कांग्रेस के राज्यसभा सासंद पी एल पुनिया ने कहा कि समाजवादी पार्टी अपने संगठन को अगर मजबूत कर रही है तो हम भी उसी काम में जुटे हुए हैं. हमारा भी पहला लक्ष्य पार्टी और संगठन को मजबूत करने का है.
बीजेपी ने कसा तंज
अखिलेश-राहुल की दोस्ती में पड़ती दरार को लेकर बीजेपी ने तंज कसना शुरू कर दिया है. बीजेपी ने कहा कि गठबंधन में दरारें आ गई हैं. इस बात पर कांग्रेस के प्रवक्ता टॉम वडक्कन ने कहा कि बीजेपी के दृष्टिकोण में ही दरारें हैं इसलिए उन्हें हर जगह टूट नजर आती है.