नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने यूपी की सत्ता हासिल करने के लिए पांच नवंबर से परिवर्तन यात्राओं के जरिए चुनावी आगाज करने का प्लान बनाया है तो कांग्रेस ने उससे आगे बढ़कर अपनी 26 दिन की किसान यात्रा का फॉलोअप करने की रणनीति बनाकर नया प्रयोग शुरू कर दिया है।

उत्तर प्रदेश में होने जा रहे विधानसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस ने अभूतपूर्व ताकत झोंक दी है। इस चुनाव में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और उनके रणनीतिकार प्रशांत किशोर की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। इसलिए इस बार यात्राओं का फॉलोअप प्लान भी बनाया गया है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि यह विधानसभा चुनाव 2019 के आम चुनावों की दिशा तय करेगा। इसलिए इतना जबरदस्त प्लान बनाया गया है।
किसान यात्रा के इस फॉलोअप प्लान में मेरठ जिले के प्रभारी बनाए गए हरियाणा के पूर्व परिवहन मंत्री आफताब अहमद कहते हैं कि उन्हें कांग्रेस आलाकमान से यह निर्देश मिला है बस से गांव-गांव की यात्रा करनी है। किसानों, युवाओं को राहुल गांधी की यात्रा का संदेश पहुंचाना है कि हमारी पार्टी की सरकार आने के बाद क्या करेंगे। हरियाणा के ही पूर्व श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री शिवचरण लाल शर्मा को बदायूं का प्रभारी बनाया गया है। सवाल यह है कि क्या इसका यूपी में कांग्रेस को कोई फायदा मिलेगा।
बताया गया है कि पहले यह यात्रा 13 अक्टूबर से निकलने वाली थी लेकिन बसें तैयार न होने के कारण इसे दो दिन आगे बढ़ा दिया गया है। पार्टी नेताओं के मुताबिक पार्टी यह चाहती है कि अपनी किसान यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं में जो जोश भरा है वह कायम रहे और प्रदेश के कोने-कोने तक के व्यक्ति तक कांग्रेस का संदेश पहुंच जाए।
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