कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व वायनाड के सांसद राहुल गांधी के एक कथित बयान को लेकर बुधवार ( 24 फरवरी) को विधान परिषद में जमकर शोर-शराबा हुआ। सत्ता पक्ष के सदस्य इसके खिलाफ निंदा प्रस्ताव की मांग करने लगे तो विपक्ष ने खुलकर इसका प्रतिवाद किया। दोनों पक्षों के शोर शराबे में 15 मिनट तक सदन डुबा रहा।
भाजपा ने उठाई मांग
विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के संजय प्रकाश ने यह मांग उठाई। उन्होंने कहा कि त्रिवेंद्रम की एक सभा में कांग्रेस नेता राहलु गांधी ने उत्तर भारत के लोगों को नासमझ बताया है। उन्होंने इसे उत्तर भारत खासकर बिहार का अपमान बताते हुए परिषद में इसके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित करने की मांग की। कांग्रेस के प्रेमचंद्र मिश्रा ने इसका विरोध करते हुए खंंडन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कई पुरानी बातों को दुहराते हुए कहा कि किसी पर अंगुली उठाने के पहले भाजपा नेता को अपनी पार्टी के नेता के वक्तव्य पर विचार करना चाहिए।
विधान परिषद के कार्यकारी सभापति ने किया प्रस्ताव खारिज
उधर, राजद के रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि किसी भी सदन के सदस्य पर चर्चा दूसरे सदन में नहीं होनी चाहिए। खासकर बड़े दल के नेता के बारे में ऐसी चर्चा सही नहीं है। पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि पूर्वे की बात सही है लेकिन अगर बिहार की अस्मिता को ठेस लगे तो उसपर चर्चा करने से परहेज नहीं होनी चाहिए। आखिरी में विधान परिषद के कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने पूर्वे के सुझाव पर सहमति व्यक्ति करते हुए प्रस्ताव खारिज कर दिया।
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