 एक न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस ने शनिवार को कहा है कि शौर्य पर हितों के टकराव का मामला बनता है क्योंकि वे जिस संगठन के मुखिया है उसके बोर्ड में कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल है। इसके अलावा शौर्य एक वित्तीय सलाहकार फर्म में भी पार्टनर हैं।
एक न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांग्रेस ने शनिवार को कहा है कि शौर्य पर हितों के टकराव का मामला बनता है क्योंकि वे जिस संगठन के मुखिया है उसके बोर्ड में कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल है। इसके अलावा शौर्य एक वित्तीय सलाहकार फर्म में भी पार्टनर हैं।
कांग्रेस का भाजपा पर हमला पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उस ट्विट के बाद शुरू हुआ जिसमें उन्होंने कहा है, ‘शाह-जादा की अपार सफलता के बाद भाजपा की नई पेशकश-अजित शौर्य गाथा।’
कांग्रेस जिस न्यूज रिपोर्ट के आधार पर शौर्य पर आरोप लगा रही है, उसमें कहा गया है कि एनएसए के बेटे पर ‘हितों के टकराव’ का मामला बनता है क्योंकि वे इंडिया फाउंडेशन नामक जिस थिंक टैंक के मुखिया हैं उसे विदेशी और देशी कंपनियों से वित्तीय सहायता मिलती है। इनमें से कई कंपनियों की सरकार से भी डीलिंग है।
यही नहीं, शौर्य डोभाल के इस संगठन के बोर्ड में चार केंद्रीय मंत्रियों को जगह दी गई है। इसके अलावा वे जेमिनी फाइनेंशियल सर्विसेज में पार्टनर भी है। यह कंपनी ओईसीडी देशों और उभरती हुई एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के बीच पूंजी निवेश को बढ़ावा देने का काम करती है।
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन चार केंद्रीय मंत्रियों को बर्खास्त करने की मांग की है, जो शौर्य डोभाल के इंडिया फाउंडेशन के निदेशक बोर्ड में शामिल हैं।
इसके अलावा पार्टी ने पीएम से इस मामले की सीबीआई जांच कराने का भी आग्रह किया है। संवाददाताओं से बातचीत करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि वे मोदी से जानना चाहते हैं कि वे कब इन मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाएंगे।
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