महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास के बाद रिद्धिमान साहा भारतीय टेस्ट टीम में स्थायी विकेटकीपर बन चुके हैं। स्पिन और उछाल भरी पिचों पर विकेटकीपिंग करना बेहत मुश्किल होता है और विकेटकीपर के लिए चुनौती तब और बढ़ जाती है, जब गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा जैसे हों, लेकिन ऋद्धिमान साहा का मानना है कि वो मुश्किल पिचों पर जडेजा-अश्विन के खिलाफ विकेटकीपिंग का लुत्फ उठाते हैं।
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साहा ने बेहद ही मुश्किल विकेट पर शानदार विकेटकीपिंग करके हर किसी का दिल जीत लिया। इस बारे में साहा ने कहा कि सबसे पहले जब गेंद ने मेंडिस के बल्ले का अंदरूनी किनारा लिया तो मुझे लगा कि वे बोल्ड हो जाएंगे, लेकिन गेंद पैड से टकराने के बाद हवा में उछल गई। गति कम थी इसलिए मुझे गेंद तक पहुंचने का ज्यादा समय मिला और मैं जंप मारकर कैच लपक पाया।
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साहा ने आगे कहा, यह अच्छा विकेट था, इससे मुश्किल विकेट पर मेरा आत्मविश्वास बढ़ा। मैथ्यूज का कैच अपने आप हाथ में आ गया। मैं भाग्यशाली था। यह अजिंक्य रहाणे के ऊपर से निकल सकता था लेकिन मैं भाग्यशाली रहा कि यह हाथ में आ गया।
अपने शानदार कैचों के बारे में बताते हुए साहा ने कहा, ‘पुणे में स्टीव को कीफे (2015), बेंगलुरु में एबी डिविलियर्स (2015) और बेंगलुरू में मैथ्यू वेड (2017), मुझे लगता है कि ये टेस्ट क्रिकेट में मेरे सबसे शानदार कैच हैं।’