नई दिल्ली। जनवरी-मार्च की अवधि के दौरान रियल एस्टेट में निजी इक्विटी (पीई) निवेश 15 फीसद बढ़कर 16,530 करोड़ रुपए हो गया है। यह उछाल आवासीय खंड में आए प्रवाह की तेजी से प्रेरित है। यह जानकारी प्रॉपर्टी कंसल्टेंट कुशमैन एंड वेकफील्ड की ओर से सामने आई है। एक साल पहले समान अवधि में रियल एस्टेट सेक्टर में पीई इन्वेस्टमेंट 14,340 करोड़ रुपए रहा था।
कुशमैन एंड वेकफील्ड की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया, “साल 2018 की पहली तिमाही में रियल एस्टेट सेक्टर में प्राइवेट इक्विटी इन्फ्लो 15 फीसद तक बढ़कर 16,530 करोड़ रुपए (2.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर) के स्तर पर रहा है। इसने बीते 11 साल की पहली तिमाही के इन्फ्लो को पीछे छोड़ दिया है।”
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आवासीय क्षेत्र में बीती 10 तिमाहियों की तुलना में उच्चतम इन्फ्लो की स्थिति देखने को मिली है क्योंकि निवेशक किफायती आवास में सरकारी प्रोत्साहनों से लाभ प्राप्त करते हैं। पीई इन्फ्लो आवासीय क्षेत्र में दोगुना तक बढ़कर 8,518 करोड़ रुपए (1.32 अरब अमेरिकी डॉलर) के स्तर पर पहुंच गया है। इसे आवास विकास वित्तीय निगम (एचडीएफसी) और अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) में एक बड़े मंच पर हुए लेन-देन से समर्थन मिला है। समीक्षाधीन अवधि के दौरान ऑफिस सेगमेंट में पीई निवेश 10,160 करोड़ रुपए से गिरकर 6,100 करोड़ रुपए के स्तर पर आ गया। कुशमैन एंड वेकफील्ड इंडिया के कंट्री हैड और एमडी अंशुल जैन ने बताया, “मजबूत प्रवाह स्तर संस्थागत निवेशकों के लिए भारतीय अचल संपत्ति बाजार के आकर्षण का गवाहा है। किफायती आवास परियोजनाओं में संस्थागत निवेशकों की दिलचस्पी जारी है।”