आइये समझें पीपीएफ या एनपीएस (PPF or NPS) क्या होगी आपके लिए बेहतर #tosnews
भविष्य को मजबूत करने के लिए निवेश जरूरी है। इसके लिए सही योजना में निवेश किया जाए यह उससे भी जरूरी है। इसलिए भारत सरकार की ओर से चलाई जा रही कुछ योजनाओं के बारे में पता करके सही मार्ग चुन सकते हैं। वर्तमान की भागदौड़ और अच्छा रहन-सहन कभी-कभी भविष्य की ओर सोचने के लिए मजबूर करता है। तो सही समय पर सही प्लान करके आप अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं। यहां आपको राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) और (पब्लिक प्रोविडेंट फंड)PPF के बारे में बताएंगे। ताकि आप चुन सकें कि कौन सा प्लान आपके लिए बेहतर है। #tosnews
नेशनल पेंशन स्कीम केंद्र सरकार की ओर से लागू पेंशन बचत योजना है। म्यूचुअल फंड की तरह, एनएसपी का रिटर्न पेंशन फंड मैनेजर और बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। उसी तरह PPF एक सरकार समर्थित बचत विक्लप है, जिसमें हर तिमाही सरकार की ओर से रिटर्न तय होता है। PPF एक पेंशन या रिटायरमेंट विकल्प ही नहीं है, इसका उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए भी किया जा सकता है। दूसरी ओर, NPS एक रिटायरमेंट बचत विकल्प है।
पीपीएफ और एनपीएस PPF and NPS #tosnews
PPF के आधार की माने तो यहां सुरक्षा ज्यादा है और रिटर्न मध्यम दर्जे की यानी औसत है। न कम न ज्यादा। लिक्विडिटी यहां कम है और टैक्स पर पूरी तरह से छूट मिलती है। वहीं NPS का आधार देखें तो इसमें सुरक्षा थोड़ी कम है। बाजार से जुड़ा होने के चलते इसमें फायदा और नुकसान भी बाजार के हिसाब से मिलता है। इसलिए PPF के मुकाबले भी ज्यादा है। लिक्विडिटी के मामले में एनपीएस भी कम है और टैक्स में कम छूट मिलती है। PPF की तरह नहीं मिलती।
रिटर्न की तुलना return #tosnews
सुरक्षा के मामले में एनपीएस में एक निश्चित रिटर्न की गारंटी नहीं है। यानी बहुत सुरक्षित नहीं मानी जाती है। खासकर उनके लिए जो जोखिम नहीं लेना चाहते हैं। हालांकि यह पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलेपमेंट अथारिटी के द्वारा देखरेख में रहती है तो यहां धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की संभावना नहीं है। वहीं, PPF पेंशन फंड में रिटर्न निश्चित है। जो सरकार द्वारा तय है। PPF राशि का उपयोग सरकार द्वारा भी किया जाता है। यह डिफॉल्ट रूप से कोई जोखिम नहीं उठाता। #tosnews
वर्ष 2009 से अभी तक इसका रिटर्न साढ़े सात से साढ़े आठ फीसद से ज्यादा ब्याज दर पर हुआ है। नेशनल पेंशन सिस्टम रिटर्न इसके फंड के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। एनपीएस इक्विटी में अधिकतम 75% अलोटमेंट की अनुमति देता है। अगर एनपीएस के प्रदर्शन की बात करें तो एसबीआइ, एलआइसी, कोटक महिंद्रा, रिलायंस, एचडीएफसी, बिरला सन लाइफ जैसे कंपनियों ने 13 से 18 फीसद तक का रिटर्न पांच साल में दिया है।
कब निकाल सकते हैं पैसा withdraw #tosnews
PPF 15 वर्षों की होती है। खाता खोलने के बाद 5 वर्ष की समाप्ति पर आप कुछ पैसा निकाल सकते हैं। वर्तमान वर्ष से पिछले वित्तीय वर्ष के अंत तक खाते में बैलेंस पर कर्ज मिल सकता है। NPS 60 साल होने पर मैच्योर होती है लेकिन इसको 70 साल तक भी बढ़ा सकते हैं। खाते से आंशिक निकासी आप तीन साल बाद 25 फीसद तक निकाल सकते हैं। NSC से केवल तीन बार अपनी राशि निकाल सकते हैं। बच्चों की पढ़ाई, मकान खरीदने के लिए या शादी के लिए और बड़ी बीमारियों के इलाज के लिए राशि निकाली जा सकती है।
टैक्स में छूट tax rebate #tosnews
PPF अकाउंट में प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये तक निवेश करने पर आपको आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत टैक्स में छूट मिलती है। PPF में प्राप्त ब्याज भी टैक्सफ्री है, लेकिन वार्षिक आयकर रिटर्न में दशार्ना चाहिए। एनएससी में निवेश धारा 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक का योदगान टैक्स फ्री है। हालांकि इस तरह का योगदान आपके वेतन के 10फीसद से अधिक नहीं हो सकता है। आप धारा 80 सीसीडी (1 बी) के तहत अतिरिक्त टैक्स कटौती भी प्राप्त कर सकते हैं।
नौकरी के बाद after job #tosnews
PPF का इस्तेमाल रिटायरमेंट के लिए किया जा सकता है लेकिन इसे रिटायरमेंट के लिए विशेष रूप से तैयार नहीं किया जाता है। उदाहरण के लिए, आप अपने नाबालिग बच्चे के लिए पीपीएफ अकाउंट खोल सकते हैं और जब वह वयस्क हो जाएगा या अपना करियर शुरू कर देगा। एक एनएससी अकाउंट केवल 18 वर्ष से अधिक आयु के किसी व्यक्ति द्वारा खोला जा सकता है और यह केवल 60 वर्ष की आयु में मैच्योर होता है। #tosnews
—-GB Singh