डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आने से मोबाइल फोन निर्माता कंपनियां और टिकाऊ उपभोक्ता वस्तु बनाने वाली कंपनियां चिंतित हैं. ऐसे में ये कंपनियां आने वाले समय में अपने प्रोडक्ट के दामों में इजाफा कर सकती हैं. बढ़ती लागत को लेकर चिंतित कंपनियां आगामी कुछ दिनों में मोबाइल फोन की दाम में बढ़ोतरी कर सकती हैं. वहीं, टिकाऊ उपभोक्ता सामान बनाने वाली कंपनियां भी त्योहारी सीजन शुरू होने से पहले कीमतें बढ़ाने का मूड बना रही हैं.
डॉलर के और मजबूत होने की आशंका
इंटेक्स टेक्नोलॉजीज (इंडिया) की निदेशक निधि मार्कण्डे ने कहा, ‘डॉलर में मजबूती के साथ हम बाजार की गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं. डॉलर के और भी मजबूत होने की आशंका है. जिससे मोबाइल फोन की लागत बढ़ेगी. ऐसा होने पर फोन की कीमत में बढ़ोतरी होगी. कोमियो इंडिया के सीईओ और निदेशक संजय कलीरोना ने कहा कि कच्चे माल की लागत बढ़ने से भारतीय मोबाइल बाजार पहले से ही दबाव में है. हम बहुत कम मार्जिन में परिचालन कर रहे हैं. डॉलर में मजबूती से दबाव और बढ़ सकता है.
आयात कम होने से कुछ राहत
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन के चेयरमैन पंकज महिंद्रू ने कहा कि पूरी तरह से तैयार इकाई (सीबीयू) का आयात कम होने से कुछ राहत है क्योंकि अधिकांश काम स्थानीय स्तर पर किया जा रहा है. यह शुरुआती यानी सस्ते फोन वेरिएंट के लिये चुनौती खड़ी करेगा. सोनी, पैनासोनिक और गोदरेज ने कहा कि रुपये की चाल पर करीब से नजर रख रही हैं क्योंकि रुपया डॉलर के मुकाबले 70.32 रुपये प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निम्नतम स्तर पर पहुंच गया है. रुपये में गिरावट से आयात बिल बढ़ा है. पिछले महीने ही कंपनियों ने रुपये में गिरावट के कारण 32 इंच और इससे बड़े टीवी के दाम बढ़ाने की घोषणा की थी.