नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यूक्रेन की रक्षा के लिए साइबर स्पेस में वॉलंटियर हैकर्स की सेना तैयार हो रही है. साइबर सुरक्षा फर्म सेकोइया के एक्सपर्ट के अनुसार, लगभग 260,000 लोग हैकर्स की ‘आईटी सेना’ में शामिल हो गए हैं. ऐसे लोगों को हैक्टिविस्ट कहा जा रहा है.

आई आर्मी में ढाई लाख से ज्यादा लोग हुए शामिल
साइबर सुरक्षा फर्म सेकोइया के एक एक्सपर्ट लिविया तिबिरना के मुताबिक, लगभग 260,000 लोग वॉलंटियर हैकर्स की ‘आईटी सेना’ में शामिल हो गए हैं, जिसे यूक्रेन के डिजिटल मंत्री मायखाइलो फेडोरोव की पहल पर स्थापित किया गया था.
टेलीग्राम की मदद से करते हैं चीजों को एक्सेस
आईटी आर्मी में शामिल लोग एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सर्विस टेलीग्राम के माध्यम से चीजों को एक्सेस करते हैं. इन लोंगों के कई रूसी कंपनियों और संस्थानों की लिस्ट है, जिसे ये टारगेट करते हैं. साइबर आर्मी के प्रभाव को आंकना मुश्किल है. इस आर्मी ने रूस की अंतरिक्ष एजेंसी की भी चिंता बढ़ा दी है.
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी चीफ ने दी चेतावनी
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख रोस्कोस्मोस ने देश के सैटेलाइट के संचालन को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैकर्स को चेतावनी दी है कि उनके इस तरह के कामों को ‘कैसस बेली, यानी एक ऐसी घटना जो युद्ध को सही ठहराती है’ के रूप में समझा जा सकता है.
रूस के आरकेए मिशन कंट्रोल सेंटर पर हुआ साइबर अटैक
आरटी के मुताबिक, रूस के आरकेए मिशन कंट्रोल सेंटर पर साइबर हमले के तुरंत बाद दिमित्री रोगोजिन की टिप्पणी आई. बुधवार को एक समाचार चैनल से बात करते हुए अधिकारी ने कहा कि जो लोग ऐसा करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि यह एक अपराध है, जिसके लिए बहुत कड़ी सजा की जरूरत होती है.
‘ऐसा करना है कैसस बेली’
रोगोजिन ने जोर देकर कहा कि किसी भी देश के अंतरिक्ष बलों के संचालन में व्यवधान एक तथाकथित कैसस बेली है, जो एक ऐसी घटना का वर्णन करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक लैटिन शब्द है जो या तो युद्ध की शुरुआत की को सही ठहराता है.
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