रेलवे प्रेस के बाद अब यांत्रिक कारखाने का मोटर शॉप भी बंद हो जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने समस्त डीआरएम (मंडल रेल प्रबंधक) तथा विभागाध्यक्षों की वर्चुअल बैठक में इसपर चर्चा करते हुए निर्णय लिया है।
विभागीय जानकारों के अनुसार मोटर शॉप को बंद करने की आगे की प्रक्रिया भी जल्द शुरू हो जाएगी। दरअसल, यांत्रिक कारखाने के मोटर शॉप में ही इंजीनियरिंग विभागों के अधीन स्टेशनों, कालोनियों व रेल लाइनों पर कार्य करने वाले विभागीय मोटर वाहन ( ट्रक, डीसीएम, ट्रैक्टर ट्राली आदि) का रखरखाव होता है। आवश्यकतानुसार मोटर वाहनों की मरम्मत भी होती है। इस शॉप में फोरमैन सहित 60 से 70 रेलकर्मी कार्य करते हैं। हालांकि, रेलवे प्रशासन के इस निर्णय पर एनई रेलवे मजदूर यूनियन (नरमू) ने विरोध जताया है। महामंत्री केएल गुप्ता ने इसे अनुचित बताया है। उनका कहना है कि पहले रेलवे का प्रेस बंद हुआ। प्रेस के कर्मचारी मारे-मारे फिर रहे हैं। अब कारखाने का शॉप बंद हो रहा है। आने वाले दिनों में कारखाना ही बंद हो जाएगा। वे जल्द ही संबंधित अधिकारियों से मिलकर इसपर चर्चा करेंगे। रेलवे प्रशासन ने अपना निर्णय वापस ले अन्यथा आंदोलन तय है।
प्राइवेट होंगे रेलवे के मोटर वाहन
निर्माण कार्य के लिए चलने वाले रेलवे के मोटर वाहन भी अब प्राइवेट हो होंगे। जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में ट्रक और ट्रैक्टर ट्राली आदि रेलवे के नहीं होंगे। अधिकारियों के वाहनों की तरह इन्हें भी आउटसोर्स से मंगाया जाएगा। जब रेलवे के अपने मोटर वाहन नहीं होंगे तो शॉप का कोई औचित्य ही नहीं रह जाएगी। शायद इसी कारण रेलवे ने कारखाने के मोटर शॉप को बंद करने का निर्णय लिया है।