लड़कियां सावधान! ब्वॉयफ्रेंड को भूलकर भी न करें ये मैसेज
– जिस तरह से पसीना, पेशाब आने से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं, वैसे ही आंसू आने से होता है। एक अध्ययन के अनुसार, स्ट्रेस की वजह से रोना और आंखों में परेशानी की वजह से पानी आने में अंतर है। जब हम रोते हैं तो शरीर से एड्रेनोकॉर्टिकोट्रोपिक और ल्यूसीन नामक स्ट्रेस हॉर्मोन निकलते हैं लेकिन आंखों से पानी आने से ऐसा कुछ नहीं होता।
– कुछ लोगों को लगता है कि रोने से उनके स्वाभिमान को चोट पहुंच जाएगी। ऐसी सोच ज्यादातर लड़कों की होती है, वे रोना चाहते हैं पर रो नहीं पाते। शोध करहते हैं कि अगर एक बार खुलकर रो लिया जाए तो इससे आपका मूड अच्छा हो जाता है।
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– डिप्रेशन में जाने के बाद लोग कई तरह की दवाइयों, योगा आदि का सहारा लेते हैं। लेकिन ऐसे में रोना सबसे अच्छा माना जाता है। जो भी आपके करीब हो उसे गले लगाकर रोने से दिल हल्का हो जाता है और जीवन का आनंद आता है।