बांग्लादेश रोहिंग्याओं की बढ़ती हुई आबादी को रोकने के लिए शरणार्थी कैंपों में नसबंदी की योजना बना रहा है। रोहिंग्या कैंपों में जगह पाने के लिए शरणार्थियों के बीच हो रहे संघर्ष और बर्थ कंट्रोल न कर पाने की समस्या ने सरकार का ध्यान इस तरफ खींचा है। अमेरिका ने दी बड़ी धमकी- परमाणु हथियारों का प्रयोग किया तो नॉर्थ कोरिया का वजूद मिटा देंगे
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म्यांमार में रोहिंग्या संकट की वजह से 6 लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थियों ने बांग्लादेश में शरण ले रखी है। म्यांमार के रखाइन प्रांत से लाखों रोहिंग्याओं ने दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में पलायन भी किया है लेकिन बांग्लादेश जाने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है।
रोहिंग्याओं की अधिक संख्या होने की वजह से बांग्लादेश के कैंपों में उन्हें रोटी, कपड़ा और रहने के लिए जगह भी नहीं मिल पा रही है। रोहिंग्याओं के लिए इन कैंपों में स्वास्थ सुविधाएं भी मुहैया नहीं हो पा रही हैं। लोकल अधिकारियों को इस बात का डर है कि बढ़ती जनसंख्या, भोजन-पानी के अभाव से स्थिति और भी खतरनाक हो जाएगी।
हालात ऐसे हैं कि कैंप में कई रोहिंग्याओं के 19 बच्चे हैं और कुछ पुरुषों की एक से ज्यादा पत्नियां हैं। जिला परिवार नियोजन अधिकारियों ने गर्भनिरोधक प्रदान करने के लिए एक अभियान शुरू किया है, लेकिन कहते हैं कि अब तक वे शरणार्थियों में सिर्फ 549 कंडोम के पैकेट वितरित करने में कामयाब रहे हैं।
अधिकारियों ने सरकार से एक ऐसे प्लान के लिए मंजूरी मांगी है जिसमें पुरुष और महिला शरणार्थियों की नसबंदी की जा सके। लेकिन इस मामले में रोहिंग्याओं से संघर्ष होने की संभावना है। रोहिंग्याओं का कहना है कि बड़ा परिवार उन्हें जीने की वजह देता है। वहीं उन्होंने महिला नसबंदी को इस्लाम के खिलाफ बताया। रोहिंग्या महिलाओं का कहना है कि नसबंदी पाप है।
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