पिछले सप्ताह मेरे पड़ोसी मुझसे मिलने मेरे घर आए। उन्होंने बताया कि उनका बेटा बेंगलुरु में रहता है और एक आईटी कंपनी में नौकरी करता है। वह वहां पूरी तरह से सेटल होने की सोच रहा है और एक फ्लैट खरीदना चाहता है। इस पर मैंने कहा- ये तो बहुत अच्छी बात है। इस पर मेरे पड़ोसी बोल पड़े, ‘लेकिन एक पेंच है। पेंच यह है कि उसके पास जो मार्जिन मनी है और उसे जितनी रकम का लोन चाहिए, उसके बीच एक गैप है। अगर किसी भी तरह उसकी लोन एलिजिबिलिटी बढ़ जाती है तो वह भी अपने सपनों का घर ले पाएगा। इसके बाद मैंने उनके बेटे से बात की और उसे कुछ टिप्स दिए, जिससे वह ज्यादा रकम का लोन ले सकता है।
आज वे टिप्स मैं आपके साथ साझा कर रहा हूंः
1. अपने Spouse या बच्चों को बनाएं ज्वाइंट बॉरोअर
आप जितना लोन चाहते हैं, अगर उतनी आपकी एलिजिबिलिटी नहीं बन रही है तो सबसे पहले इस विकल्प पर विचार करना चाहिए। इसका मतलब है कि अगर आपके Spouse या बच्चे किसी नौकरी में हैं या बिजनेस के जरिए कमाई कर रहे हैं तो उन्हें ज्वाइंट बॉरोअर बनाना चाहिए। ऐसे में आपकी एलिजिबिलिटी के लिए उनकी आय को भी ध्यान में रखा जाता है। इससे आपकी Eligibilty बढ़ जाती है। आम तौर पर बैंक भाई-बहन को ज्वाइंट बॉरोअर नहीं बनाते हैं क्योंकि इसमें एक समय के बाद किसी तरह के संपत्ति विवाद का जोखिम हो सकता है। लेकिन अगर आप यह साबित कर दें कि दोनों की शादी नहीं हुई है और एकसाथ रह रहे हैं तो बैंक कुछ असाधारण मामलों में दोनों को को-बॉरोअर बना सकते हैं। आम तौर पर बैंक पति, पत्नी और बच्चों को को-बॉरोअर बना देते हैं।
2. लोन का Tenure बढ़ाने से भी बढ़ जाती है Eligibility
आप जितनी लंबी अवधि के लिए लोन लेंगे आपकी लोन की रकम उतनी अधिक बढ़ जाएगी। इसकी बड़ी वजह यह है कि लंबी अवधि का लोन लेने पर आपकी EMI कम हो जाती है। ऐसे में बैंक ज्यादा रकम का लोन दे पाते हैं। कुछ बैंक अधिकतम 35 साल तक का लोन देते हैं। इनमें यूनियन बैंक प्रमुख है। इस बैंक की एक स्कीम है, जिसके तहत आपको 35 साल तक की अवधि का लोन मिल जाता है। अधिकतर बैंक 20 साल से लेकर 30 साल तक की अवधि के लिए होम लोन देते हैं।
3. कोई दूसरा लोन चल रहा है तो उसे करा दें बंद
अगर आपने पहले से कोई पर्सनल लोन या कार लोन ले रखा है और भुगतान के लिए ज्यादा रकम नहीं बची है तो उसे बंद करा देना चाहिए। इससे आपकी एलिजिबिलिटी बढ़ जाती है। इसकी वजह यह है कि बैंक ये मानते हैं कि कोई भी व्यक्ति अपनी मासिक आय के 40-45 फीसद का भुगतान ही EMI के रूप में कर सकता है। ऐसे में आपका कोई और लोन चल रहा है तो उसकी EMI की राशि की वजह से होम लोन की आपकी एलिजिबिलिटी घट जाती है। ऐसे में अगर आपका किसी भी तरह का अन्य लोन चाहे वह पर्सनल लोन हो या ऑटो या दूसरा होम लोन हो और उसकी छह से 12 किस्तें बाकी हों और आप दे सकते हैं तो उन्हें बंद करा देना चाहिए। इससे आपकी लोन एलिजिबिलिटी स्वतः बढ़ जाती है।
4. क्रेडिट स्कोर भी परोक्ष रूप से एलिजिबिलिटी को करता है प्रभावित
अगर आपका क्रेडिट स्कोर काफी अच्छा है तो बैंक आपको कम दर पर होम लोन की पेशकश करते हैं। इससे आपकी EMI कम रहती है। ऐसे में परोक्ष रूप से इससे आपकी लोन एलिजिबिलिटी बढ़ जाती है।
5. अलग-अलग लेंडर से करें बात
अगर आपने प्रोपर्टी फाइनल कर ली है और मार्जिन मनी इकट्ठा कर लिया है तो आपको अलग-अलग लेंडर से बात करनी चाहिए। हर लेंडर अलग पॉलिसी को अपनाता है। इस तरह हो सकता है कि आपके एक से नहीं तो दूसरे से ज्यादा होम लोन मिल सकता है।