लखनऊ: उन्नाव की घटना के मामले में पुलिस पर लगा बदनामी का दाग अभी धुला भी नहीं था कि एक बार फिर पुलिस की प्रताडऩा से तंग होकर एक दर्जी की आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। यह मामला शहर के ठाकुरगंज इलाके का है। आरोप है कि एक दारोगा और सिपाही दर्जी को कुछ दिनों से प्रताडि़त करते थे और इसी से परेशान होकर दर्जी ने मंगलवार की रात कैण्ट इलाके में ट्रेन के सामने कूदकर अपनी जान दे दी।
ठाकुरगंज के हुसैनाबाद मुर्गखाना इलाके में दर्जी 60 वर्षीय नज़र मोहम्मद अपने परिवार के साथ रहते थे। उनके बेटे फारूख ने बताया कि बीते 13 अप्रैल को उनके भाई अजहर पर मोहल्ले की रहने वाली एक किशोरी को बहला-फुसला कर भगा ले जाने का आरोप लगा। इस संबंध में अजहर के खिलाफ ठाकुरगंज थाने में किशोरी के पिता ने एफआईआर दर्ज करायी थी।
फारूख का आरोप है कि एफआईआर दर्ज होने के बाद से हुसैनाबाद चौकी इंचार्ज राजकरन सिंह और सिपाही राजेन्द्र रोज उनके घर दबिश देने के लिए पहुंच जाते थे और अजहर के बारे में पूछताछ करते थे। पूछताछ के नाम पर दारोगा और सिपाही नज़र मोहम्मद को परेशान भी करते थे। फारूख का कहना है कि परिवार वालों ने पुलिस वालो को 10 हजार रुपये भी दिये थे।
रुपये लेने के बावजूद भी वह लोग बुजुर्ग नजर मोहम्मद से बार-बार उनके बेटे अजहर के बारे में पूछते थे। नज़र मोहम्मद पुलिस वालों को बार-बार एक ही जवाब देते रहे कि उनको अजहर के बारे में कुछ नहीं पता।
परिवार वालों का कहना है कि मंगलवार को नज़र मोहम्मद बिना कुछ बताये हुए घर से निकले और फिर वापस नहीं लौटे। इसके बाद उन लोगों के पास कैण्ट पुलिस से फोन आया और बताया गया कि नज़र मोहम्मद का शव सदर इलाके में रेलवे लाइन पर पड़ा है। खबर मिलते ही परिवार के लोग मौके पर पहुंच गये और शव की शिनाख्त नज़र मोहम्मद के रूप में की। छानबीन के बाद कैण्ट पुलिस ने नज़र मोहम्मद के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
परिवार ने लगाया प्रताडऩा का आरोप
नज़र मोहम्मद के परिवार के अलावा मोहल्ले के लोगों ने भी हुसैनाबाद चौकी इंचार्ज और सिपाही पर नज़र मोहम्म्द को बेवजह प्रताडि़त करने का आरोप लगाया है। मृतक के बेटे फारूख का कहना है कि इस मामले में चौकी इंचार्ज गऊघाट जेपी सिंह ने बीच में पड़ कर 10 हजार रुपये में मामले को रफा-दफा कराने की बात कही थी। इस पर उन लोगों ने जेपी सिंह को 10 हजार रुपये भी दिये थे, बावजूद इसके हुसैनाबाद चौकी इंचार्ज व सिपाही उनके पिता को परेशान कर रहे थे। बुजुर्ग नज़र मोहम्मद की मौत के मामले में इंस्पेक्टर ठाकुरगंज दीपक दूबे का कहना है कि दारोगा और सिपाही पर आरोप लगाया है और उसकी जांच की जा रही है। जांच में अगर आरोप सही मिला तो कार्रवाई की जायेगी।