लखनऊ पुलिस की प्रताडऩा से परेशान एक बेगुनाह ने की आत्महत्या, जमकर हंगामा, देखिए तस्वीरें!

लखनऊ: अधिकारियों की लाख नसीहतों के बावजूद भी पुलिस की वसूली का खेल बेदस्तूर जारी है। अब वसूली का आलम यह हो गया है कि बेगुनाह लोगों को झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर पुलिस वाले वसूली पर उतारू हो गये हैं। ऐसा ही की घटना घटी शहर के ठाकुरगंज इलाके में। ठाकुरगंज पुलिस के दो सिपाहियोंं और एक मुखबिर की प्रताडऩा से तंग आकर एक डाला चालक ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी।

आरोपी डाला चालक से जबरन 10 हजार रुपये मांग रहे थे और रुपये न मिलने पर उसको हत्या के झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे रहे थे। डाला चालक की आत्महत्या के बाद परिवार के लोग और मोहल्ले वाले भड़क उठे और सड़क पर जमा होकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। प्रदर्शन कर रहे लोग दोषी पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई, गाऊघाट पुलिस चौकी को हटाने और मृतक के परिवार वालों को मुआवजा दिलाने की मांग कर रहे थे। करीब 5 घंटे तक चले हंगामे के बाद पुलिस ने किसी तरह मामले को शांत किया। इस दौरान लोगों की पुलिस से तीखी नोकझोंक भी हुई। फिलहाल इस मामले में आरोपी मुखबिर और दो अज्ञात सिपाहियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया है।

 


ठाकुरगंज के गुलालाघाट के पास 26 वर्षीय अजय निषाद अपने परिवार के साथ रहता है। अजय डाला चलाने का काम करता है। बताया जाता है कि रविवार की रात अजय डाला लेकर घर लौट रहा था। इस बीच गुलालाघाट पुलिस चौकी पर तैनात सिपाहियों ने उसको रोकने की कोशिश की पर वह नहीं रूक। सोमवार की रात फिर जब अजय डाला लेकर घर लौट रहा था तो पुलिस वालों ने उसको रोक लिया। पुलिस वालों के डर से अजय डाला लेकर भागा और एक दीवार में टकरा गया।

परिवार वालों का आरोप है कि पुलिस वालों ने उसको मर्डर के झूठे मामले में फंसाने की धमकी देते हुए 10 हजार रुपये की मांग भी की। किसी तरह अजय घर आया। परिवार वालों का कहना है कि इसके बाद तीन बार पुलिस वाले और मुखबिर सलीम घर पहुंचे और बताया कि अजय पर एक मर्डर का आरोप है। पुलिस वालों और मुखबिर ने अजय को बचाने के नाम पर 10 हजार रुपये की मांग की। परिवार वालों का आरोप है कि आरोपी पुलिस वाले यह सब इलाके के एक मुखबिर सलीम के इशारे पर कर रहे थे।

रात को बार-बार पुलिस वालों के आने से अजय घबरा गया और घर से चला गया। सुबह होने पर अजय वापस घर लौटा। इस बीच मोहल्ले में यह बात चर्चा का विषय बन गयी। पुलिस वालों और मुखबिर की इस हरकत से परेशान अजय ने घर की पहली मंजिल पर बने कमरे में रस्सी के सहारे लटक कर अपनी जान दे दी। कुछ देर के बाद जब परिवार के लोग ऊपरी कमरे मेें पहुंचे तो उनकी नज़र अजय के शव पर पड़ी। अजय की आत्महत्या की खबर कुछ ही देर में पूरे मोहल्ले में आग की तरह फैल गयी। देखते ही देखते मोहल्ले के लोग अजय के घर के बाहर जमा हो लगे। लोगों को जब पुलिस वालों और उसके मुखबिर की प्रताडऩा की बात पता चली तो लोग भड़क उठे और सड़क पर जमा होकर हंगामा शुरू कर दिया।

घटना की सूचना पाकर मौके पर एसपी पश्चित विकास चंद्र त्रिपाठी सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गयी। परिवार वालों ने दोषी पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई, गुलालाघाट पुलिस चौकी को हटाने और मुआवेज की मांग की। मौके पर मौजूद पुलिस वालों ने जब लोगों को समझाने की कोशिश की तो लोगों का गुस्सा और भड़क उठा। इस बीच कई बार पुलिस वालों को प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। एक बार तो पुलिस को हलका बल का भी प्रयोग करना पड़ा। करीब पांच घंटे तक इसी तरह हंगामा चलता रहा।

अंत में पुलिस ने आरोपी मुखबिर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और दोषी पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया। पुलिस के अधिकारियों से मिले आश्वासन के बाद किसी तरह परिवार के लोग शांत हुए। इसके बाद पुलिस ने छानबीन कर अजय के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। एसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि इस मामले में परिवार वालों की शिकायत पर सलीम और दो सिपाहियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। उनका कहना है कि परिवार के लोग दोनों सिपाहियों का नाम नहीं जानते हैं। पुलिस ने फिलहाल सलीम को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। वहीं देर शाम पोस्टमार्टम के बाद अजय का शव भारी पुलिस बल की मौजूदगी में घर लाया गया। अजय का शव घर पहुंचते ही वहां कोहराम मच गया। इसके बाद परिवार वालों ने अजय का अंतिम संस्कार कर दिया।

मौके पर पहुंचे सपा नेता से हुई पुलिस की बहस
गुलालाघाट के रहने वाले अजय की आत्महत्या की खबर पाकर समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद एबाद भी मौके पर पहुंच गये। इस बीच उनको इस बात का पता चला कि पुलिस वालों ने मृतक के परिवार वालों के साथ अभद्रता की है। इस बात को लेकर सपा नेता ने पुलिस वालों से अपना विरोध जताया। बताया जाता है कि इस पर एबाद और इंस्पेक्टर बाजारखाला के बीच कहासुनी हो गयी। अचानक हुई इस कहासुनी के बीच एसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी भी बीच में आ गये। वह समाजवादी पार्टी के नेता एबाद से परिचित नहीं थे। एसपी पश्चिम और एबाद के बीच बहस हो गयी। बात और बढ़ती कुछ पुलिसकर्मी जो एबाद को जानते थे, वह बीच में आ गये और एबाद को वहां से हटने के लिए कहा। पुलिस वालों की बात सुन सपा नेता अपने लोगों के साथ वहां से चले गये।

गुलालाघाट पुलिस चौकी बन वसूली का अड्डा
गुलालाघाट इलाके के रहने वालों का कहना है कि उनके इलाके में बनी पुलिस चौकी लोगों की सुरक्षा से अधिक वसूली में व्यस्त रहती है। स्थानीय लोगों का कहना है कि चौकी पर तैनात पुलिस वालों के पास वसूली के अलावा कोई दूसरा काम ही नहीं है। यही वजह है कि आमतौर पर घटना के बाद पुलिस चौकी बनवाने की मांग करने वाले लोगों ने इस घटना के बाद गुलालाघाट पुलिस चौकी को वहां से हटाने की मांग की।

 

ढंग से बाल दिवस नहीं मना सके स्कूली बच्चे
गुलालाघाट इलाके में जिस जगह पर यह घटना घटी, वहीं पास में ही एक प्राइमरी स्कूल है। बताया जाता है कि आज स्कूल में बाल दिवस का एक कार्यक्रम होना था। यह कार्यक्रम स्कूल के बाहर कराया जाना था, पर सुबह से हो रहे हंगामे के चलते बाल दिवस का यह कार्यक्रम सड़क पर नहीं हो सका। स्कूल में मौजूद बच्चे भी इस हंगामे को लेकर डरे और सहमे नज़र आये।

परिवार में अकेला कमाने वाला था अजय
डाला चालक अजय की अचानक मौत ने परिवार वालों पर गमों का पहाड़ तोड़ दिया है। अजय के परिवार मेें बुजुर्ग मां-पिता और 6 भाई-बहन है। अजय के घरवालों ने बताया कि अजय अकेला परिवार में कमाने वाला सदस्य था। बाकी परिवार के लोग कुछ नहीं करते हैं। अजय की कमाई से ही पूरा घर चलता था। अब अजय की मौत ने परिवार के सामने आर्थिक संकट भी लाकर खड़ा कर दिया है।

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