भैंसाकुंड विद्युत शव दाह में बुधवार रात एकाएक अंतिम संस्कार के लिए शवों की संख्या बढ़ती चली गई। एकाएक शवों के बढऩे से यहां अफरा-तफरी मच गई। रात में मृतकों के परिवारीजनों को टोकन बांटने की प्रक्रिया शुरू की की गई। लोग टोकन लेकर अपनों के शवों का अंतिम संस्कार कराने के लिए घंटों इंतजार करते रहें। रात करीब 11:30 बजे 17वें शव का अंतिम संस्कार किया गया।
यह अव्यवस्थाएं गुल्लाला घाट विद्युत शव दाह का संचालन ठीक से न होने के कारण थीं। वहां बुधवार रात तक सिर्फ सात शवों का ही अंतिम संस्कार हो सका। बीते दो दिन पहले गुल्लाला घाट पर दिन में करीब घंटे भर बिजली नहीं आई। इसके कारण भी अफरा-तफरी का माहौल रहा। वहीं, भैसाकुंड शव दाह केंद्र पर रात तक 21 शव पहुंचे। यहां दाह संस्कार करने वाले मुन्ना ने बताया कि देर रात तक शवों का आना जारी रहा।
वह रात में भी ड्यूटी करता रहा। वहीं, अपनों के शवों का अंतिम संस्कार कराने के लिए आए कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें काफी दिक्कतें झेलनी पड़ी। रात में मच्छर नोंचते रहें। पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं थी। उन्हें एक तो अपनों से बिछडऩे का गम था और दूसरा यहां की व्यवस्थाएं ठीक न होने का कारण काफी दिक्कतों का समाना करना पड़ा।
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