उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी ने ऐसा कारनामा किया है कि इसे जानने वालों के होश उड़ गए। यहां के डॉक्टरों ने एक लड़के के अंदर मिले गर्भाशय और अंडाशय को बाहर निकाला।
दरअसल, मरीज के जननांगों के अंडकोश में कुछ अंग में समस्या थी। वहीं, लिंग के अंदर पेशाब करने का कोई रास्ता नहीं था। इसे प्रॉक्सेल हाइपोडियस कहते हैं। डॉ विश्वजीत ने कहा कि जब मरीज के माता-पिता ने अस्पताल में अपने बच्चे की जांच करवाई, तो अल्ट्रासाउंड के माध्यम से उसमें गर्भाशय और अंडाशय पाया गया, जिसके बाद मरीज के माता-पिता ने लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डॉक्टरों को दिखाया और फिर एसजीपीजीआई से संपर्क किया।
वहीं परिवार ने बाद में केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग में डॉक्टरों को दिखाया और उसके बाद एक एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, यूरोलॉजिस्ट और रेडियोलॉजिस्ट के जरिए मरीज का इलाज किया गया और पता चला कि मरीज के अंदर 46 XX क्रोमोसोम आनुवंशिक रूप से पाए गए थे। यानी वह आनुवंशिक रूप से महिला थी लेकिन उसके माता-पिता ने उसे बचपन से ही एक पुरुष बच्चे के रूप में पाला था और वह एक पुरुष की तरह मानसिक और शारीरिक रूप से बड़ा हुआ, इसलिए रोगी चाहता था कि उसके अंदर पाए जाने वाले महिलाओं के अंगों को सर्जरी के माध्यम से पूरी तरह से हटा दिया जाए।
डॉक्टरों ने उसके अंदर पाए गए महिला के अविकसित हिस्से जैसे फ्रूट पिन ट्यूब, योनि गर्भाशय, ब्लाइंड पाउच और अंडाशय को ऑपरेशन के माध्यम से हटा दिया, जिसके बाद अविकसित लिंग को ग्लैनुलोप्लास्टी और ट्यूब निर्माण के माध्यम से फेलस पुनर्निर्माण के माध्यम से ठीक किया गया और ऑपरेशन सफल रहा।