लखीमपुर खीरी में चार किसानों समेत आठ की मौत के बाद पूरे इलाके में तनाव है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी समेत कई विपक्षी नेता वहां पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। उनके पहुंचने से बवाल के और बढ़ने की आशंका को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने उन्हें लखीमपुर खीरी पहुंचने से रोक दिया है।हुआ यूं कि लगभग डेढ़ हफ्ते पहले केंद्रीय गृह राज्यमंत्री और खीरी के सांसद अजय मिश्र ‘टेनी’ के एक बयान से नाराज प्रदर्शनकारी किसानों ने रविवार को मंत्री के गांव में आ रहे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के शांतिपूर्वक विरोध का ऐलान किया था। मगर, जैसे ही मंत्री समर्थकों की गाड़ियां उपमुख्यमंत्री को लेने निकलीं तो वहां लाठी-डंडों से लैस हजारों प्रदर्शनकारियों ने उन पर पथराव कर एक गाड़ी को आग लगा दी। इसी बीच एक बेकाबू वाहन किसानों पर जा चढ़ा। इसमें चार किसानों की मौत हो गई, जबकि किसानों के हमले में चार भाजपा समर्थक मारे गए।
दोनों पक्षों के मरने वालों की संख्या अधिक बताई जा रही है, लेकिन पुष्टि नहीं हो सकी है। घटना की सूचना पाकर लखनऊ मंडल के कमिश्नर और आईजी समेत कई आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। तिकुनिया में बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स भी तैनात किया गया। यहां कई जिलों की फोर्स भी बुलाई गई है। वहीं, जिला प्रशासन ने लखीमपुर खीरी में अग्रिम आदेश तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना की सूचना मिलते ही अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार को मौके पर भेजा। गोरखपुर प्रवास का कार्यक्रम छोड़ वह राजधानी लौट आए। अफसरों के साथ बैठक कर कहा है कि घटना की तत्काल जांच की जाएगी और कोई दोषी बख्शा नहीं जाएगा। उधर, टेनी ने मरने वालों की संख्या पांच बताते हुए आरोप लगाया है कि घटना का कारण पथराव और किसानों का उग्र प्रदर्शन था।
घटनाक्रम के मुताबिक खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के पैतृक गांव बनवीरपुर में आयोजित दंगल का समापन व पुरस्कार वितरण समारोह था। जिसमें प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को बतौर मुख्य अतिथि बुलाया गया था। बताया जाता है कि मुख्य अतिथि के आने की सूचना पाकर कई वाहन उनकी अगवानी करने बनवीरपुर के लिए निकले। तभी रास्ते में पहले से ही हजारों की संख्या में प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों ने इन वाहनों के काफिले को घेर लिया। जिससे अनियंत्रित होकर वाहन प्रदर्शनकारियों पर चढ गया। बताया जाता है कि इस हादसे में कई किसान घायल हो गए और इनमें मझगईं के चौगड़ा फार्म निवासी लवप्रीत सिंह की मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गुस्साई भीड़ ने भाजपा नेता आशीष मिश्र मोनू के वाहन पर हमला बोल दिया। इसमें आशीष तो भाग गए लेकिन, ड्राइवर हरिओम प्रदर्शनकारियों के हत्थे चढ गया। ड्राइवर को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया। वहीं, एक अन्य गाड़ी के चालक की भी पिटाई से मौत हुई है। बताया जाता है कि दलजीत सिंह, गुरुविंदर सिंह निवासी नानपारा, नक्षत्र सिंह निवासी धौरहरा की भी मौत हो गई है। दो अन्य लोग बहराइच जिले के थे। इस आगजनी में सांसद पुत्र आशीष मिश्रा मोनू की थार जीप प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया। साथ ही कई अन्य वाहनों में भी आग लगा दी। मरने वालों में चार लोगों की पहचान नहीं हो पाई है।
अफसरों ने उठाने बंद कर दिए फोनः एक तरफ तिकुनिया जल रहा था तो दूसरी ओर जिले के अफसर अपने मोबाइल का स्वीच बंद करके बैठ गए या फिर उसे उठाया ही नहीं। इस आंदोलन में वास्तव में कितने किसानों की मौत हुई, कितने वाहन क्षतिग्रस्त हुए, कितने लोग जख्मी हुए इस बवाल का कारण क्या था। इसपर किसी भी अधिकारी ने प्रशासन की ओर से अपना पक्ष स्पष्ट नहीं किया। इसको लेकर पूरा दिन मरने वालों की संख्या को लेकर अफवाहों का बाजार भी गर्म रहा।
कार्यक्रम छोड़कर ही लौटे डिप्टी सीएमः रविवार को लखीमपुर में पूरा दिन डिप्टी सीएम का कार्यक्रम बहुत व्यस्त था। जिला मुख्यालय पर करोड़ों की योजनाओं की सौगात देकर डिप्टी सीएम को सांसद के गांव बनवीरपुर जाना था लेकिन, यहां एक सप्ताह पहले ही सांसद के बयान से सुलग रही चिंगारी केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम में ही सुलगने की पूरी तैयारी कर चुकी थी। इस कारण डिप्टी सीएम को अपना कार्यक्रम अधूरा छोड़कर राजधानी के लिए रवाना होना पड़ा।
अस्पताल से उठा ले गए शवः इधर, जिला अस्पताल की कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सीएस सिंह का कहना है कि रविवार शाम करीब पांच बजे दो शव तिकुनिया से लाए गए थे, जिन्हें मोर्चरी में रखवाया गया था, लेकिन समूह में आए कई लोग जिद करके दोनों शव ले लिया और पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया।
प्रदर्शनकारी की टी-शर्ट पर भिंडरावाले : कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे इन किसानों में भिंडरावाले के समर्थक भी थे। एक वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारी की टी-शर्ट पर भिंडरावाले की फोटो साफ नजर आ रही है। लगभग सभी प्रदर्शनकारी लाठी-डंडों से लैस थे, जबकि दावा किया जा रहा है कि उपमुख्यमंत्री को काला झंडा दिखाने के लिए जमा थे।
तिकुनिया कांड में दो लोगों के मारे जाने की बात सही है। घटना के दौरान चार वाहन भी जले है। ये घटना अचानक हुई है इसकी कोई भी जानकारी जिला प्रशासन को वहले से नहीं थी। किसानों को शांत कराया जा रहा है। तिकुनिया में अब हालात सामान्य हो रहे हैं। एहतियात के तौर पर वहां पुलिस बल को लगाया गया है। -संजय कुमार सिंह, एडीएम