लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास गलवन घाटी में झड़प वाली जगह से चीनी सेना 1-2 किमी पीछे हट गई है। चीनी सैनिक डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के तहत पीछे हटी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने अपने कैंप भी पीछे हटाए हैं। लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी तनाव के मद्देनजर चीन का यह कदम काफी महत्वपूर्ण हो जाता है।
भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक चीनी सेना के भारी बख्तरबंद वाहन अभी भी गलवन नदी क्षेत्र में गहराई वाले क्षेत्रों में मौजूद हैं। भारतीय सेना सतर्कता के साथ स्थिति की निगरानी कर रही है। हालांकि इस पर अभी सेना का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
बता दें कि वास्तविक सीमा पर भारत और चीन के बीच करीब सात हफ्तों से तनाव जारी है। दोनों देशों के बीच स्थिति 15 जून हिंसक झड़प हो गई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिकों ने अपना बलीदान दिया था। इस दौरान चीन के भी 40 से अधिक सौनिक मारे गए थे।
मोदी का चीन को संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 जुलाई को लद्दाख के दौरे पर गए थे। तब उन्होंने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मुलाकात की थी। पीएम मोदी इस दौरान चीन के साथ झड़प में घायल जवानों से भी मिले थे। इस दौरान पीएम मोदी ने चीन को सख्त संदेश देते हुए कहा कि अब विस्तारवाद का युग समाप्त हो गया है, यह विकास का युग है। इतिहास गवाह है कि विस्तारवादी ताकतें या तो हार गई हैं या फिर पीछे हटने को मजबूर हुई हैं।