शहर में निजी पार्किंग पर आम जनता से मनमानी वसूली के खिलाफ चलाया गया अभियान सफल हो गया है। माल, व्यवसायिक कांप्लेक्स, नर्सिगहोम, बैंक, सिनेमाहाल और बाजारों में चलने वाली सभी निजी पार्किंग को नगर निगम ने न केवल अवैध माना है बल्कि लाइसेंस न लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई की भी बात कही है। नगर आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि सभी निजी पार्किंग संचालकों को न केवल निगम से लाइसेंस लेना होगा बल्कि इसका संचालन भी नियमों के मुताबिक ही करना होगा। पार्किंग शुल्क भी नगर निगम का सदन बोर्ड बैठक में तय करेगा।
शहर के सभी प्रमुख बाजारों, माल और काम्प्लेक्स में संचालित निजी पार्किंग पर होने वाली मनमानी वसूली से जनता लंबे समय परेशान थी। दो मिनट के काम के लिए भी उन्हें जगह-जगह पांच से लेकर 50 रुपये तक शुल्क देना पड़ता था। कई बार इसको लेकर पार्किंग संचालकों से विवाद भी होता था। गाड़ी सड़क पर खड़ी करने की स्थिति में जाम लगने के चलते यातायात पुलिस उनका चालान कर देती थी।
सिनेमा रोड, बैंक रोड, गोलघर, रेलवे स्टेशन रोड, मोहद्दीपुर जैसे तमाम इलाकों में पार्किंग के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए इन संचालकों ने सड़क पर ही अतिक्रमण कर पार्किंग बना लिया था और साइकिल के लिए पांच से दस, मोटरसाकिल के लिए 10 से 20 जबकि कार वालों से 25 से लेकर 50 रुपये तक की वसूली करके अपनी जेब में रख लेते थे। किसी भी पार्किंग पर शुल्क का बोर्ड नजर नहीं आता था और कई जगह तो पर्ची भी नहीं मिलती थी।
आम जनता से जुड़ी इस परेशानी को ‘दैनिक जागरण’ ने अभियान बनाकर प्रमुखता से उठाया था। जिम्मेदारियों अधिकारियों ने भी इसको गंभीर समस्या मानते हुए कार्रवाई का भरोसा दिया था। नगर निगम में प्राथमिक तौर पर तो शहर के प्रमुख कई जगहों पर पार्किंग बनाने की तैयारी करते हुए इसकी निविदा भी निकाल दी थी। बहुत जल्द निगम की पार्किंग प्रमुख बाजारों में शुरू हो जाएगी। निगम ने इन निजी पार्किंग पर भी कार्रवाई करते हुए शिकंजा कसने की बात कही थी।