कपूरथला की अदालत द्वारा टोल प्लाजा पर वसूली बंद करने केआदेश के बाद लाडोवाल टोल प्लाजा की ठेकेदार कंपनी सोमा आइसोलैक्स के अधिकारियों ने बुधवार देर रात को ही टोल पर वसूली बंद करते हुए टोल प्लाजा पूरी तरह से बंद कर दिया .लाडोवाल टोल प्लाजा वर्ष 2004 में शुरू हुआ था .13 साल बाद यह टोल बंद हुआ है.
बता दें कि इस लाडोवाल टोल प्लाजा को लेकर केंद्र सरकार के पास शिकायतें भी दर्ज करवाई थी लेकिन यह टोल एक घंटा भी बंद नहीं हुआ.13 वर्षों बाद पहली बार कपूरथला अदालत के कड़े रुख के बाद प्लाजा ठेकेदार को प्लाजा बंद करना पड़ा.इस टोल प्लाजा से ठेकेदार को यहां से प्रतिदिन लगभग 50 लाख रुपए की वसूली होती थी जिसका 25 प्रतिशत हिस्सा सरकार को जाता था. आर.टी.आई. कार्यकर्ता रोहित सबरवाल ने बताया कि इस टोल प्लाजा के विरुद्ध केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सहित नेशनल हाईवे अथॉर्टी को कई बार शिकायत कर बताया था कि अधिक टोल वसूलने के बावजूद नियमों के मुताबिक शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा था.
जबकि दूसरी ओर टोल प्लाजा के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार लाडोवाल टोल प्लाजा अदालत के आदेश पर बंद किया गया है, न कि किसी पार्टी के विरोध करने पर वसूली बंद की गई है.ह्यूमन राईट्स प्रेस क्लब की कपूरथला की अदालत में शिकायत एन.एच.ए. वन की है। हाईवे अथॉरिटी कितनी जल्दी अदालत को संतुष्ट कर पाती है उसके बाद ही प्लाजा खुलेगा. इस मामले में स्थगन आदेश लेने की कोशिश भी की जा सकती है.
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