लापरवाही की हद देखिए, हेल्पर नहीं होने पर स्कूल बस को बैक करवाने के लिए ड्राइवर ने मासूम को नीचे उतारा और देखने को कहा, लेकिन अनहोनी हो गई।
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भचना हरियाणा के समालखा की है, जहां गांव बिलासपुर में हेल्पर के एक किमी पीछे उतरने पर बैक करवा रहे छठी कक्षा के छात्र की स्कूल बस के पिछले पहिये के नीचे आने से मौत हो गई। घटना से गांव में मातम छा गया।
बिलासपुर निवासी निखिल (11) हथवाला रोड स्थित एलकेपीएस स्कूल में छठी कक्षा का छात्र था। वीरवार को छुट्टी के बाद अपनी बहन के साथ स्कूल बस में घर जा रहा था। बस में सवार महिला शिक्षिका अपने गांव डिकाडला में उतर गई।
गांव हथवाला के अड्डे पर बस का हेल्पर निजी काम से उतर गया। चालक रिंकू दूसरे बच्चों को हथवाला के ही रेती पाना चौक पर उतारकर बस को बैक करने लगा। चालक ने छात्र निखिल को नीचे उतरकर बस बैक करवाने को कहा।
बैक करवाते हुए निखिल गिर गया और बस के पिछले पहिये के नीचे आ गया। लोगों ने चालक को आवाज भी लगाई, लेकिन उसने इस ओर ध्यान नहीं दिया। चालक मौके से फरार है और पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
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बस के पहिए के नीचे कुचले जाने से अकाल मौत का शिकार हुआ निखिल अपने पीछे कई सवाल भी छोड़ गया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बच्चों को लाने ले जाने वाली स्कूल बसों को लेकर कई तरह की गाइडलाइन बनाई हैं। लेकिन अधिकांश निजी स्कूल इन नियमों की पालना नहीं कर रहे। इसी का परिणाम है कि नियमों को ताक पर रखकर बस का गार्ड बच्चों को लावारिस छोड़कर उतर गया। साथ ही बस को बैक करवाने के लिए छात्र को कह गया।
नियमों अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट की दिशानुसार नियमों की पालना करनी जरूरी है। ऐसा नहीं करने वाले स्कूल व स्कूल वाहनों के विरुद्ध ठोस कदम उठाए जाएंगे।
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