लालू यादव के लिए नया नहीं है जेल का सफर, 7 बार पहले भी लगा चुके हैं हाजिरी

लालू यादव के लिए नया नहीं है जेल का सफर, 7 बार पहले भी लगा चुके हैं हाजिरी

चारा घोटाले में आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ चुकी हैं। सीबीआई की स्पेशल अदालत ने उन्हें चारा घोटाले में दोषी पाया है। लालू को 90 लाख के चारा घोटाले से जुड़े देवघर कोषागार केस में दोषी करार दिया है। जब यह घोटाला हुआ तब लालू बिहार के मुख्यमंत्री थे और पशुपालन विभाग उनके पास ही था।लालू यादव के लिए नया नहीं है जेल का सफर, 7 बार पहले भी लगा चुके हैं हाजिरी

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब लालू जेल जाएंगे। वह इससे पहले भी सात बार जेल जा चुके हैं और इस बार वह आठवीं बार जेल जाएंगे। गौरतलब है कि यह घोटाला 1990 के दशक में सामने आया था। उस वक्त का यह सबसे बड़ा घोटाला था। इसमें करीब 950 करोड़ रूपये की हेराफेरी की गई थी।

जनवरी, 1996 : पशुपालन विभाग के दफ्तरों पर छापे मारे गए, और जब्त दस्तावेज से पता चला कि चारा आपूर्ति के नाम पर अस्तित्वहीन कंपनियों द्वारा धन की हेराफेरी की गई है।
11 मार्च, 1996 : पटना हाईकोर्ट ने सीबीआई को घोटाले की जांच का आदेश दिया, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर मुहर लगाई।
27 मार्च, 1996 : सीबीआई ने चाईंबासा खजाना मामले में प्राथमिकी दर्ज की।
23 जून, 1997 : आरोप पत्र दाखिल, लालू प्रसाद यादव को आरोपी बनाया गया।
30 जुलाई, 1997 : लालू ने सीबीआई अदालत में आत्मसमर्पण किया, न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
5 अप्रैल, 2000 : विशेष सीबीआई अदालत में आरोप तय किए।
5 अक्तूबर, 2001 : सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड राज्य बनने के बाद मामला वहां स्थानांतरित किया।
फरवरी, 2002 : रांची की विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई शुरू।
13 अगस्त, 2013 : सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई कर रही निचली अदालत के न्यायाधीश के स्थानांतरण की लालू की मांग खारिज की।
17 सितंबर, 2013 : विशेष सीबीआई अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा।
30 सितंबर, 2013 : लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्र और 45 अन्य को सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराया।
3 अक्तूबर, 2013 : लालू को पांच साल कारावास की सजा, 25 लाख का जुर्माना भी। लालू रांची की बिरसा मुंडा जेल भेजे गए।
नवंबर, 2014 : झारखंड हाईकोर्ट ने लालू को राहत देते हुए उन पर लगे घोटाले की साजिश रचने, आईपीसी 420 ठगी तथा 409 के आरोप हटाते हुए कहा कि एक ही अपराध के लिए किसी व्यक्ति को दो बार सजा नहीं दी जा सकती है। साथ ही कहा गया कि लालू के खिलाफ आईपीसी की दो अन्य धाराओं के तहत मुकदमा जारी रहेगा। सीबीआई ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की।

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कोर्ट का फैसला आने के बाद लालू ने कहा कि ‘झूठे जुमले बुनने वालों सच अपनी जिद पर खड़ा है। धर्मयुद्ध में लालू अकेला नहीं पूरा बिहार साथ खड़ा है। हम फैसले से निराश हुए हैं हताश नहीं हुए हैं।’ उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि “मरते दम तक सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ता रहूँगा। जगदेव बाबू ने गोली खाई, हम जेल जाते रहते है लेकिन मैं झुकूंगा नहीं।

लड़ते-लड़ते मर जाऊंगा लेकिन मनुवादियों को हराऊँगा। उन्होंने अपने ट्वीट में नेलसन मंडेला, किंग मार्टिन लूथर, बाबा साहेब अंबेडकर का भी जिक्र किया और लिखा कि इतिहास में उनसे खलनायक की तरह व्यवहार किया। वो आज भी पक्षपातपूर्ण, जातिवादियों और जाति-विचारों वालों के लिए खलनायक ही हैं।

वो आगे लिखते है सामंतवादी ताकतों, जानता हूं लालू तुम्हारी राहों का कांटा नहीं आंखों की कील है। पर इतनी आसानी से नहीं उखाड़ पाओगे। वो आगे ललकारते हुए लिखते हैं ऐ सुनो कान खोल कर, आप इस गुदड़ी के लाल को परेशान कर सकते हो पर पराजित नहीं। 

 

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