लॉकडाउन के कारण तमाम व्यवसाय प्रभावित हुए हैं। उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग पर भी इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। बीते तीन माह से पर्यटन गतिविधियां तकरीबन पूरी तरह ठप हैं। ऐसे में पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने ऐसे लोगों को आर्थिक सहयोग देने की पहल की है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग की ओर से लिए जाने वाले पंजीकरण व नवीनीकरण शुल्क को एक वर्ष के लिए समाप्त कर दिया गया है।
पर्यटन विकास परिषद की ओर से पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों की सूची मांगी गई है, जिन्हें जिलाधिकारियों के माध्यम से एकमुश्त 1000-1000 रुपये की आर्थिक सहयोग राशि प्रदान की जाएगी। इस संबंध में परिषद से संबंधित विभागों और जिला प्रशासन को आदेश जारी किया है।
पर्यटन विभाग व अन्य विभागों में पंजीकृत इकाइयों व व्यक्तियों को व्यवसाय संचालन में कई प्रकार की दिक्कतें पेश आ रही हैं। पर्यटन उद्योग से जुड़े फोटोग्राफर, जिनकी संख्या सर्वे के आधार पर 2.43 लाख है। उन्हें एक हजार रुपये डीबीटी के माध्यम से दिए जाएंगे। इसके अलावा पर्यटन विशेष क्षेत्र, गतिविधि समितियों के कार्मिकों को लाभान्वित किया जा चुका है।
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना व दीन दयाल होम स्टे योजना के तहत लाभार्थियों को अप्रैल से जून के क्वार्टर के ऋण पर लिए जाने वाले ब्याज की प्रतिपूर्ति जिलाधिकारियों के माध्यम से होगी। परिवहन विभाग की ओर से उपलब्ध कराई गई सूची के आधार पर पर्यटन से जुड़े बस-टैक्सी आदि के एक लाख एक हजार 185 कार्मिकों को भी एक-एक हजार रुपये की आर्थिक सहयोग राशि दी जाएगी।
6675 कलाकारों को भी आर्थिक सहयोग
परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप जावलकर ने बताया कि संस्कृति विभाग की ओर से उपलब्ध सूची के आधार पर प्रदेश के 6675 कलाकारों को भी एक-एक हजार रुपये की धनराशि एकमुश्त जिलाधिकारी उपलब्ध कराएंगे। इनके साथ ही पर्यटन से जुड़े समस्त लोगों को आर्थिक सहयोग राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से प्रदान की जाएगी।